क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने डेविड वॉर्नर पर लगाया लाइफटाइम बैन हटा लिया है. साल 2018 में वॉर्नर को ऑस्ट्रेलिया में किसी भी टीम की कप्तानी करने पर जिंदगी भर के लिए बैन कर दिया गया था. लेकिन, अब क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की कंडक्ट कमीशन ने फैसले की समीक्षा करते हुए वॉर्नर से बैन हटाने का फैसला किया है. वॉर्नर पर लगे लाइफटाइम लीडरशिप बैन के हटने का मतलब है कि वो अब ऑस्ट्रेलिया में फिर से किसी भी टीम की कप्तानी कर सकेंगे. बैन के हटने से उनके अगले BBL में सिडनी थंडर्स की कप्तानी करने की उम्मीद भी जाग उठी है. डेविड वॉर्नर पर ये बैन साल 2018 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच में बॉल टेम्परिंग करने को लेकर लगा था. वॉर्नर के अलावा बॉल टेम्परिंग मामले में स्टीव स्मिथ भी दोषी पाए गए थे, जिन्हें एक साल के लिए क्रिकेट से बैन कर दिया गया था.
6 साल बाद वॉर्नर का लाइफटाइम बैन हटाया
अब वॉर्नर पर बैन लगाए जाने के 6 साल बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अपना फैसला वापस ले लिया है. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की ओर से इसे लेकर एक प्रेस रिलीज जारी की गई, जिसमें बताया गया कि 25 अक्टूबर को कंडक्ट कमीशन की 3 सदस्यीय पैनल ने वॉर्नर पर लगे लाइफटाइम लीडरशिप बैन की समीक्षा की, जिसके बाद उसे हटाने का फैसला किया. पैनल ने पाया कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के कोड ऑफ कंडक्ट में साल 2022 में जो बदलाव किए गए हैं, उसके मुताबिक बैन हटाने के जरूरी प्रावधानों पर वॉर्नर खरे उतरते हैं. इसके अलावा ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में डेविड वॉर्नर के योगदान को भी देखा गया, जिसकी वजह से पैनल को अपने फैसले तक पहुंचने में मदद मिली.
T20 वर्ल्ड कप में कप्तानी का सपना अधूरा
2018 में अपने खिलाफ लाइफटाइम लीडरशिप बैन लगने के बाद ही वॉर्नर ने उसकी समीक्षा किए जाने के लिए एक अपील की थी. 2022 में खुद पर लगे बैन से वॉर्नर इतने तंग आ चुके थे कि उन्होंने अपील को वापस तक ले लिया था. 6 सालों के इंतजार के बाद आखिरकार कप्तानी करने से लगी रोक अब हटा दी गई है. वॉर्नर पर ये रोक सिर्फ ऑस्ट्रेलिया तक ही सीमित थी. एक तरफ जहां बैन हटने की खुशी है वहीं दूसरी ओर अब ये मलाल भी रहेगा कि रिटायर होने से पहले T20 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी करने की उनकी ख्वाहिश अधूरी रह गई.