यूथ फॉर इक्वलिटी देश के प्रीमियर शैक्षणिक संस्थाओं के छात्रों का संगठन है। यह संगठन 4 अप्रैल 2006 को गठित हुआ था। इस संगठन में भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र शामिल हैं।
यह संगठन यूपीए-1 सरकार के समय में तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री द्वारा शिक्षण संस्थानों में ओबीसी छात्रों को प्रवेश देने के लिए किए गए आरक्षण के प्रावधान को लेकर बना था। तब इस संगठन ने इसका विरोध किया था। इस संगठन का मकसद आज भी आरक्षण के खिलाफ अपनी आवाज उठाना है।
इसी क्रम में यूथ फॉर इक्वलिटी ने उच्चतम न्यायालय में आर्थिक आधार पर केंद्र सरकार के आरक्षण के फैसले का विरोध किया है। इसी संगठन ने 2006 में भी दिल्ली से लेकर देश के तमाम हिस्सों में आरक्षण के प्रावधान का विरोध किया था। 2006 में केंद्र सरकार ने 93वें संविधान संशोधन का निर्णय लिया था। मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे और इस संशोधन का उद्देश्य अन्य पिछड़ा वर्ग को देश के केंद्रीय शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण देना था।