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मेरे मरने की जल्द तारीख लिख दो, कैसे बर्बाद हो रहा मेरा बुढ़ापा लिख दो-सतीश कौल, पंजाबी फिल्मों के अमिताभ बच्चन की मदद को मुख्यमंत्री ने बढ़ाया हाथ

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चंडीगढ़। पंजाबी सिनेमा के अमिताभ बच्‍चन कहने जाने वाले मशहूर एक्‍टर सतीश कौल की हालत ने अाखिरकार पंजाब सरकार को जगा दिया। उनकी खराब हालत के बारे में जानकारी मिलने के बाद मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने मदद का हाथ बढ़ाया है। कैप्‍टन ने लुधियाना के जिला उपायुक्‍त को सतीश कौल के यहां जाकर उनकी हालत की जानकारी लेने और उसकी रिपोर्ट भेजने को कहा है। उन्‍होंने कहा कि पंजाब सरकार सतीश कौल की निश्चित तौर पर और पूरी मदद करेगी।

बता दें कि अभी पंजाबी सिनेमा पर राज करने वाले सतीश कौल की हालत बेहद खराब है और वह पाई-पाई को मोहताज हैं। वह अपना इलाज कराने की हालत में भी नहीं है। दर्द की इस घड़ी मेें उनको अपना कोई सहारा नजर नहीं आ रहा। उनकी पीड़ा उनके लिखे इन शब्‍दों से समझा जा सकता है। ‘मेरे मरने की जल्द तारीख लिख दो, कैसे बर्बाद हो रहा मेरा बुढ़ापा लिख दो और लिख दो कैसे मेरे होंठ खुशी को तरस रहे, कैसे बरस रहा मेरी आंखों का पानी लिख दो’। ये पंक्यिां उनकी तन्हाइयों को बयां करने के लिए काफी हैं।

सतीश कौल आज पाई-पाई को मोहताज हैं। रही सही कसर सरकार ने पंजाबी यूनिवर्सिटी से मिलने वाली पेंशन रोक कर पूरी कर दी थी। 30 साल तक पंजाबी और हिंदी सिनेमा पर राज करने वाले अब गुमनामी की जिंदगी जीने को विवश हैा।

सतीश कौल ने कहा कि जो कभी हिंदी सिनेमा में साथ थे और अभिनय के समय लंबी आयु की कामना करते थे, साथ छोड़ गए। 2015 में प्रकाश सिंह बादल की सरकार के समय पंजाबी यूनिवर्सिटी से 11 हजार रुपये की पेंशन लग गई। इसके बाद लुधियाना आकर एक्टिंग स्कूल खोला, पर वह फ्लॉप हो गया। बेरुखी ऐसी कि वृद्ध आश्रम में रह रहा था। वहां से चाहने वाली एक महिला अपने घर ले आई। हालात ये हैं कि कांग्रेस सरकार आते ही पेंशन तक रोक दी गई।