रीवा । रीवा के कृष्णा राज कपूर सभागार में आयोजित प्रदेश की पांचवीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में बुधवार को 31,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे लगभग 28,000 लोगों को रोजगार के अवसर बनेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हम विंध्य को औद्योगिक और आर्थिक समृद्धि के नए शिखर तक ले जाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। राज्य सरकार उद्योगपतियों और निवेशकों को हर संभव सहायता और सहयोग प्रदान करेगी, जिससे इस क्षेत्र का समग्र विकास हो सके। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 2690 करोड़ की 21 इकाइयों का वर्चुअल भूमि पूजन और लोकार्पण किया इन इकाइयों में 1830 लोगों के लिए रोजगार सृजित होंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश की 85 औद्योगिक इकाइयों को 146 एकड़ भूमि आवंटन के आशय पत्र वितरित किए। इन औद्योगिक इकाइयों में लगभग 918 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है, जिससे 3350 में अधिक रोजगार सृजित होंगे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न जिलों में उद्योग स्थापित करने वाले उद्योगपतियों एवं निवेशकों से वर्चुअल संवाद किया। प्रमुख निवेशकों ने अपने अनुभव सांझा कर प्रदेश में उद्योग जगत के लिए हो रहे नवाचारों पर प्रसन्नता व्यक्त की एवं मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पहल को प्रदेश के हित में बताते हुए सराहना की। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में शामिल होने के पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रीवा में किला परिसर स्थित भगवान महामृत्युंजय के मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना और आरती की। भगवान महामृत्युंजय से प्रदेशवासियों के कल्याण और प्रदेश के विकास की मंगल कामना की।
बहनों को उद्योगों में काम करने पर हर माह 5000 प्रोत्साहन राशि
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रदेश की बहनों को इंडस्ट्री में काम करने पर 5,000 प्रति माह प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह कदम महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार में उनकी भागीदारी को बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
ये घोषणाएं भी कीं
सिंगरौली ओर कटनी में दो इनलैंड कंटेनर डिपो का निर्माण
– मुख्यमंत्री ने कहा कि रीवा संभाग में उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सिंगरौली एवं कटनी में दो इनलैंड कंटेनर डिपो (आईसीडी) का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही मल्टीमोडल लॉजिस्टिक पार्क भी निर्मित किया जाएगा, जिससे निर्यात की सुविधा बढ़ेगी।
नवीन औद्योगिक क्षेत्रों का विकास
– सिंगरौली, सीधी, मऊगंज और मैहर जिलों में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इसके साथ ही रीवा और सतना में वर्तमान में स्थापित औद्योगिक क्षेत्रों के अलावा नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की जाएगी।
84 लाख की जल आपूर्ति योजना को मंजूरी
– औद्योगिक क्षेत्र वैढ़न में जल आपूर्ति हेतु 84 लाख रुपए की लागत से एक योजना लागू की जाएगी, जिससे उद्योगों को बेहतर जल सुविधाएं मिलेंगी।
विंध्य क्षेत्र में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
– विंध्य क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं का विकास किया जाएगा। संजय दुबरी नेशनल पार्क के आसपास विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन सुविधाएं विकसित की जाएगी। विंध्य क्षेत्र में निजी निवेश के माध्यम से बेहतर होटल, रिसोर्ट तथा पर्यटन परियोजनाएं विकसित करने के लिए पर्यटन निवेश नीति में और अधिक आकर्षक प्रावधान जोड़े जाएंगे।
प्रदेश में किसी बात की कोई कमी नहीं : डॉ. यादव
मुख्यमंत्री ने रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा प्रयास प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ाना है। यदि कोई बड़ी इंडस्ट्री प्रदेश में बड़ा प्रोजेक्ट लाना चाहती है, जो हमारी वर्तमान पॉलिसियों की सीमाओं से बाहर भी हों, तो हम कैबिनेट के माध्यम से उन्हें भी लाभ प्रदान करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में किसी बात की कोई कमी नहीं है, मध्य प्रदेश संपूर्ण रूप से समृद्ध है। प्रदेश के समग्र विकास के साथ प्रत्येक व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध कराना हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा रीवा के अलावा सिंगरौली और कटनी में भी कंटेनर डिपो बनाने समेत कई महत्वपूर्ण सौगातें दी गई।
मुख्यमंत्री ने आईटी पार्क का भूमिपूजन किया
रीवा में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के अवसर पर मुख्यमंत्री ने रीवा में 66 करोड़ 71 लाख रुपये की लागत से बनने वाले आईटी पार्क का वर्चुअल भूमि पूजन किया। इसी प्रकार छोटे एवं मध्यम उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए पटेरा जिला मऊ और नया गांव में 29 करोड़ रुपये की लागत से विकसित होने वाले नवीन औद्योगिक क्षेत्र और रीवा के पास बनने वाले चुरहट इलेक्ट्रिक सबस्टेशन का भी वर्चुअल भूमि पूजन किया गया। मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश पर्यटन के तिमाही न्यूज लेटर "ऑफबीट मध्य प्रदेश" का विमोचन किया।
क्षेत्र के विकास के लिए हुए एमओयू
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड और एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के बीच समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया। इस एमओयू का उद्देश्य रीवा, सतना क्षेत्र में पर्यटन के क्षेत्र का विकास, प्रशिक्षण देना, रोजगार एवं स्व रोजगार उपलब्ध कराना है। इसके साथ ही नगर निगम रीवा और एमपीआईडीसी के बीच औद्योगिक जल आपूर्ति के लिए भी समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के उद्योगपतियों से वर्चुअल संवाद किया
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पांचवें रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के अवसर पर प्रदेश के विभिन्न जिलों में औद्योगिक इकाइयों का लोकार्पण और भूमिपूजन कर उद्योग स्थापित करने वाले उद्योगपतियों एवं निवेशकों से वर्चुअल संवाद किया और सभी को बधाई व शुभकामनाएं दीं। इसके अंतर्गत हातोद जिला इंदौर में प्लास्टिक प्रोडक्ट्स उत्पादन के लिए आरंभ हो रही मां तुलजा इंडस्ट्रीज की श्वेता शाह, पीथमपुर जिला धार में ट्रांसफॉर्मर मैन्युफैक्चरिंग को समर्पित कार्निश पावर जोन प्राइवेट लिमिटेड के सौरभ सैनिल, पिनेकल मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड के अंतर्गत इलेक्ट्रिकल व्हीकल निर्माण में लगे संजय हरकावत, 500 करोड रुपये के निवेश से डाटा सेंटर स्थापित करने वाले नरेंद्र सेन से वर्चुअल संवाद किया। मुख्यमंत्री ने उज्जैन के विक्रमपुरी में रुपये 324 करोड़ की लागत से मसाला इकाई स्थापित करने वाले विश्व प्रसिद्ध एमडीएच समूह सिद्गुवा सागर में औद्योगिक गतिविधियां आरंभ करने वाले उद्यमियों को भी को शुभकामनाएं देते हुए वर्चुअल संवाद किया।
त्रैमासिक न्यूज लेटर "ऑफबीट मध्यप्रदेश" का किया विमोचन
मुख्यमंत्री ने प्रदेश पर्यटन के त्रैमासिक न्यूज लेटर "ऑफबीट मध्यप्रदेश" का विमोचन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में मध्यप्रदेश पर्यटन तथा एपीएस विश्वविद्यालय के बीच, पर्यटन प्रबंधन और अतिथि सत्कार के प्रशिक्षण व पाठ्यक्रम विकास के संबंध में समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया। नगर निगम रीवा और एमपीआईडीसी के बीच औद्योगिक जल आपूर्ति के लिए भी समझौता (एमओयू) ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया।
उद्योगपति एवं निवेशकों ने सांझा किए अनुभव
5वें रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के अवसर पर प्रमुख उद्योगपति एवं निवेशकों ने मध्यप्रदेश में अनुकूल वातावरण की सराहना की एवं मंच से प्रदेश में निवेश के लिए उत्साह दिखाया। निवेशकों ने मुख्यमंत्री की पहल का स्वागत करते हुए प्रदेश के विकास में अभिनव नवाचार बताया।
पंतजलि बनाएगा आयुर्वेद वेलनेस सेंटर
पंतजलि समूह के आचार्य बालकृष्ण जी ने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। कला, संस्कृति और परंपरा की यह भूमि है। पतंजलि के माध्यम से हम यहां कई क्षेत्रों में काम करने वाले हैं। पतंजलि का मंत्र है कि हम देश को बाजार नहीं परिवार समझकर कार्य करते हैं। लोगों को शिक्षा, संस्कार, स्वास्थ्य सब प्राप्त हो, उसके लिए भी हम पतंजलि का बेहतरीन योग, आयुर्वेद वेलनेस सेंटर बनाएंगे। उन्होंने कहा रीवा संभाग सरसों का क्षेत्र है खाद्य प्रसंस्करण सहित जड़ी बूटियों के लिए यहां पतंजलि ग्रुप इकाई स्थापित करेगा। साथ ही उज्जैन में हेल्थ ओर वेलनेस सेंटर स्थापित करने का आश्वासन दिया है। उनके द्वारा अलग-अलग सेक्टर में एक जार करोड़ रुपए के निवेश की रूचि जाहिर की गई।
हम यहां अधिक से अधिक निवेश के लिए तैयार हैं
रिलायंस बायो एनर्जी के बिजनेस हेड हरीन्द्र के त्रिपाठी ने कहा कि हमारी कंपनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के नेतृत्व में निरंतर विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही है। नेट कार्बन, ग्रीन एनर्जी, ग्रीन फर्टिलाइजर सहित पांच क्षेत्रों में रोजगार देने के मामले में मध्यप्रदेश को हम नंबर वन बना सकते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, देश के दिल मध्यप्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं और हम यहां अधिक से अधिक निवेश के लिए तैयार हैं.।
रामा ग्रुप 500 करोड़ का निवेश करेगा
रामा प्लाई ग्रुप के मैनेजिंग पार्टनर नरेश गोयल ने कहा कि रीवा क्षेत्र में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के आयोजन पर उद्योगपतियों की ओर से मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया गया। उन्होंने रामा ग्रुप की तरफ से करीब 100 करोड़ के नए निवेश से प्लाईवुड यूनिट को विस्तारित करने की योजना प्रस्तावित की। साथ ही कहा कि 400 करोड़ की एमडीएफ और पार्टिकल बोर्ड यूनिट स्थापित करने के लिए विंध्य क्षेत्र में योजना पर ग्रुप काम कर रहा है।
डालमिया सीमेंट लगाएगा 3000 करोड़ के निवेश से सीमेंट प्लांट
डालमिया सीमेंट के एमडी पुनीत डालमिया ने कहा कि हम मध्यप्रदेश में 3000 करोड़ के निवेश करने की बात कही। उन्होंने रीवा में चार मिलियन टन क्लिंकर और सीमेंट फैक्ट्री स्थापित करने की योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्लांट की इसकी विशेषता यह होगी कि यह प्लांट 100 % नवीकरणीय ऊर्जा से चलने वाला देश का पहला प्लांट होगा। हम प्रदेश में दीक्षा सेंटर स्थापित कर स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में भी कार्य करना चाहते हैं।