बीजिंग। करीब चार साल के गतिरोध को दूर कर चीन ने पुष्टि की है कि पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत के साथ एक समझौता हो गया है। चीनी मीडिया के अनुसार, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बताया कि समझौते के तहत सीमा गश्त पर सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि चीन और भारत ने सीमा से संबंधित मुद्दों पर कूटनीतिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से संवाद बनाए रखा है। जियान ने कहा, वर्तमान में, दोनों पक्ष प्रासंगिक मामलों पर एक समाधान पर पहुंचे हैं, इस चीन सकारात्मक रूप से देखता है। उन्होंने बताया कि अगले चरण में, चीन इस समाधान योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेगा।
वहीं भारत ने सोमवार को कहा कि वह चीन के साथ ईस्टर्न लद्दाख में एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर गतिरोध वाले बाकी बिंदुओं पर गश्त के लिए एक समझौते पर सहमत हुआ है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया, पिछले कई हफ्तों से भारतीय और चीनी राजनयिक तथा सैन्य वार्ताकार कई प्लेटफार्मों पर एक-दूसरे के साथ निकट संपर्क में रहे हैं। इस चर्चा के परिणामस्वरूप भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में एलएसी पर गश्त को लेकर सहमति बनी है।
सूत्रों के अनुसार, सहमति इस पर बनी है कि देपसांग और डेमचॉक क्षेत्र में जहां गश्त में बाधा थी, वहां सैनिक पीछे हटने और गश्त फिर से शुरू होगी। दोनों देशों की सेनाएं अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति में लौट जाएगी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, हम 2020 वाली स्थिति पर पहुंच गए हैं। यह समझौता भारत-चीन के बीच वर्षों से चले आ रहे सीमा विवाद को सुलझाने में महत्वपूर्ण कदम है और इससे दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार की संभावनाएं बढ़ती हैं।