सियोल । रूस और यूक्रेन युद्ध में उत्तर कोरिया को दक्षिण कोरिया ने रूस की मदद करने पर चेताया है। दक्षिण कोरिया ने कहा है कि यदि किम जोंग रूस की मदद करने से बाज नहीं आते तो वह यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करने पर विचार कर सकता है। दक्षिण कोरिया का यह बयान उत्तर कोरिया द्वारा रूस में सेना भेजने के जवाब में आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक में दक्षिण कोरिया के शीर्ष अधिकारियों ने उत्तर कोरिया द्वारा कथित तौर पर रूस की मदद के लिए सेना भेजने की निंदा की। उन्होंने इसे दक्षिण कोरिया और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर सुरक्षा खतरा बताया। साथ ही कहा कि अगर वह ऐसा करना जारी रखता है तो हम भी यूक्रेन की मदद के लिए मजबूर हैं। इसके अलावा, दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति कार्यालय ने भी अपने एक बयान में उत्तर कोरिया को आपराधिक समूह बताते हुए कहा कि वह अपने युवाओं को अनुचित युद्ध के लिए भाड़े के सैनिकों के रूप में सेवा करने के लिए मजबूर करता है। युद्ध में रूस की मदद के विरोध में दक्षिण कोरिया राजनयिक, आर्थिक और सैन्य कदम उठा सकता है। इसके साथ ही वह यूक्रेन को रक्षात्मक और आक्रामक दोनों हथियार भेजने पर विचार कर सकता है। दक्षिण कोरिया का बयान जाहिर तौर पर रूस पर दबाव डालने के लिए है। ताकि वह यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में उत्तर कोरियाई सैनिकों को शामिल न करे। दरअसल, दक्षिण कोरियाई अधिकारियों को चिंता इस बात ही है कि रूस यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में मदद के लिए बतौर उपहार उत्तर कोरिया को उच्च हथियार तकनीक दे सकता है। जिससे दक्षिण कोरिया को निशाना बनाने वाले उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को बढ़ावा मिल सकता है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष को दो साल से ज्यादा वक्त हो चुका है।
रूस की मदद के लिए 12,000 सैनिक भेजे
दक्षिण कोरियाई जासूसों के अनुसार यूक्रेन से जंग में रूस की मदद के लिए उत्तर कोरिया की तरफ से 12,000 सैनिक भेजे गए हैं। दक्षिण कोरिया की योनहाप न्यूज एजेंसी ने राष्ट्रीय खुफिया सेवा (एनआईएस) के हवाले से बताया कि उत्तर कोरियाई सैनिक रूस की सहायता के लिए पहले ही रवाना हो चुके हैं। हाल ही में, दक्षिण कोरियाई जासूसों ने दावा किया था कि उत्तर कोरिया यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध में सहायता के लिए सेना भेज रहा है। वहीं, कुछ महीने पहले ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी उत्तर कोरिया का दौरा किया था और उत्तर कोरियाई तानाशाह के साथ बैठक भी की थी।