देश के सबसे बड़े आईपीओ हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (Hyundai Motor Iindia Limited) की आज शेयर मार्केट में एंट्री हो गई। यह 1.33 फीसदी डिस्काउंट के साथ 1934 रुपये प्रति शेयर पर लिस्ट हुआ। इसका मतलब कि निवेशकों को लिस्टिंग पर कोई मुनाफा मिलने की जगह नुकसान हुआ। हालांकि, लिस्टिंग के बाद थोड़ी खरीदारी दिखी।
यह आईपीओ अपने साइज, वैल्यूएशन और जीएमपी को लेकर काफी चर्चा में रहा। हालांकि, इसे सब्सक्रिप्शन के लिहाज से अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला। खासकर, रिटेल इन्वेस्टर ने इस आईपीओ से दूरी बनाकर रखी।
हुंडई पर बुलिश हैं ग्लोबल एनालिस्ट
हुंडई को लेकर ग्लोबल एनालिस्ट का रुख काफी पॉजिटिव है। दो ग्लोबल एनालिस्ट ने लिस्टिंग से पहले ही हुंडई के कवरेज की शुरुआत कर दी है और उनका रुख काफी बुलिश है। जापानी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने हुंडई पर BUY रेटिंग के साथ कवरेज शुरू किया है। उसने 2,472 रुपए का टारगेट प्राइस दिया है।
वहीं, ऑस्ट्रेलियाई इन्वेस्टमेंट बैंक- मैक्वायरी (Macquarie) ने हुंडई को आउटपरफॉर्म की रेटिंग दी है। उसने टारगेट प्राइस 2,235 रुपये रखा है। यह हुंडई आईपीओ के इश्यू प्राइस के मुकाबले 26 फीसदी से अधिक है।
Hyundai Motor में क्या खास है?
नोमुरा का कहना है कि भारतीय कार इंडस्ट्री में ग्रोथ की काफी गुंजाइश है। फिलहाल, देश में हर 1000 लोगों में से सिर्फ 36 के पास कार हैं। ऐसे में यह सेक्टर काफी तेजी से बढ़ सकता है। हुंडई इंडिया को FY25-27 के बीच 8 फीसदी वॉल्यूम ग्रोथ की उम्मीद है। इस दौरान हुंडई 7-8 नए मॉडल बाजार में पेश करेगी।
वहीं, मैक्वायरी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि Hyundai Motor पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट के ग्रोथ पर बड़ा दांव लगा रही है। एनालिस्ट ने कहा कि यह अपने सेक्टर की प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के मुकाबले प्रीमियम मल्टीपल पर ट्रेड करने की स्थिति में है। ब्रोकरेज का मानना है कि आने वाले समय में हुंडई को ऑपरेशनल एफिशिएंसी का भी लाभ मिलेगा।
Hyundai Motor IPO की डिटेल
हुंडई का आईपीओ 15 अक्टूबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला और 17 अक्टूबर को बंद हुआ। इस इश्यू का प्राइस 1960 रुपये था। इसे निवेशकों से कोई खास रिस्पॉन्स नहीं मिला। यह कुल 2.37 गुना ही सब्सक्रिप्शन हुआ। रिटेल कैटेगरी में इसे 50 फीसदी ही सब्सक्रिप्शन मिला।
दरअसल, हुंडई का यह आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल था। इसका मतलब कि आईपीओ से मिलने वाला पूरा पैसा प्रमोटर को मिलेगा और उसे कंपनी का कारोबार बढ़ाने के लिए खर्च नहीं किया जाएगा। ऑटो सेक्टर की बिक्री भी डाउन है। हुंडई का जीएमपी भी एक वक्त नेगेटिव में पहुंच गया था। इस सबका असर सब्सक्रिप्शन पर पड़ा था।