जम्मू। जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में छापे मारने के बाद मंगलवार को एक नए आतंकवादी संगठन के भर्ती मॉड्यूल को ध्वस्त कर दिया गया। लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का एक हिस्सा इस नए समूह को कथित तौर पर एक पाकिस्तानी आतंकवादी हैंडलर द्वारा चलाया जा रहा था, जिसे उसके उपनाम बाबा हमास के नाम से जाना जाता है। मीडिया के मुताबिक केंद्र शासित प्रदेश में छापे जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर-इंटेलिजेंस विंग (सीआईके) द्वारा मारे गए थे।
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने मंगलवार को एक नए आतंकी संगठन का भंडाफोड़ किया है। ऐसा माना जा रहा है कि वह प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक हिस्सा है। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर-इंटेलिजेंस विंग (सीआईके) ने एक बड़ा ऑपरेशन चलाया, जिसमें श्रीनगर, गंदेरबल, बांदीपोरा, कुलगाम, बडगाम, अनंतनाग और पुलवामा समेत कई जिलों में छापेमारी की गई।
अधिकारियों ने बताया कि इस संगठन को कथित तौर पर बाबा हमास नामक एक पाकिस्तानी आतंकी हैंडलर द्वारा चलाया जा रहा था। उन्होंने बताया कि छापेमारी अभी भी जारी है। यह आतंकवाद विरोधी अभियान लश्कर के एक अन्य संगठन, द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) द्वारा कथित तौर पर गंदेरबल जिले में एक हमले की जिम्मेदारी लेने के एक दिन बाद हुआ जिसके हमले में एक डॉक्टर और छह प्रवासी मजदूर मारे गए थे। सुरक्षा बलों के मुताबिक टीआरएफ प्रमुख शेख सज्जाद गुल हमले का मास्टरमाइंड था। सूत्रों ने बताया कि यह समूह लंबे समय से कश्मीरियों और गैर-कश्मीरियों को निशाना बना रहा है।
2022 में एनआईए ने गुल और तीन अन्य की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को दस-दस लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की थी। 30 अक्टूबर को सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक संयुक्त अभियान में दो आतंकवादियों को पकड़ा था, उनकी पहचान अब्दुल अजीज और मनवर हुसैन के रूप में हुई। पिछले कुछ महीनों में केंद्र शासित प्रदेश में कई आतंकी हमले हुए हैं, जिनमें से कुछ में सुरक्षाकर्मियों की जान भी गई। कई आतंकवादी मुठभेड़ में मारे गए हैं।