बिहार के वैशाली जिले में गोरौली प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के औचक निरीक्षण में विद्यालय अवधि में क्लास रूम छोड़कर शिक्षकों के मोबाइल पर फिल्म देखते पकड़े जाने पर कार्रवाई की गई है।
इस मामले में बीईओ सुशील कुमार ने पकड़े गए सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं से चौबीस घंटे के अंदर स्पष्टीकरण की मांग की थी।
हालांकि, सभी शिक्षकों ने अपना स्पष्टीकरण दे दिया है, लेकिन शिक्षकों के स्पष्टीकरण में दिए गए जवाब को बीईओ ने संतोषजनक नही बताया है। उन्होंने बताया कि शिक्षकों ने जो जवाब प्रस्तुत किया है, वह सत्य से परे है और मनगढ़ंत बातें हैं।
इसपर इन शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में कदाचार बर्दाश्त नही किया जाएगा। प्रतिदिन वीडियो कांफ्रेंसिंग में बताया गया है कि हर हाल में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है। इसके बाद भी कुछ शिक्षक सुधार के लिए तत्पर नहीं है।
इन टीचरों पर हुआ एक्शन
मालूम हो कि निरीक्षण के दौरान उत्क्रमित मध्य विद्यालय गुलजार बाग उर्दू की प्रखंड शिक्षिका शमीमा खातून एवं जाकिया खातून, उत्क्रमित मध्य विद्यालय सोंधो डीह की अध्यापिका शालिनी कुमारी, खुशबू कुमारी एवं प्रखंड शिक्षिका स्वीटी कुमारी, नवसृजित प्राथमिक विद्यालय कुर्मी टोला लोदीपुर की प्रधानाध्यापिका छोटी कुमारी एवं लाडली खातून आदि फोन चला रहे थे।
वहीं, उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोढियां बहादुर की प्रखंड शिक्षिका जीनत रुही एवं अर्चना कुमारी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय भिखनपुरा उर्दू के प्रखंड शिक्षक मो. नफीस आलम एवं मो. शमशाद आलम अपने-अपने विद्यालय में टोली बनाकर एक साथ मोबाइल पर फिल्म देख रहे थे।
इसके अलावा छह शिक्षक विद्यालय छोड़कर इधर-उधर टहल रहे थे। इसपर इन शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटा गया है।
वेतन पर खर्च होगी संबद्ध महाविद्यालयों के आंतरिक आय की 70 प्रतिशत राशि
राज्य में संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों को आंतरिक स्रोत से होने वाली आय की 70 प्रतिशत राशि शिक्षक-कर्मचारियों के वेतन पर खर्च होगी। इस प्रविधान को हर हाल में सुनिश्चित करने का निर्देश शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव ने सभी विश्वविद्यालयों को दिया है।
शिक्षा सचिव ने विश्वविद्यालयों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि संबद्ध डिग्री महाविद्यालय आंतरिक स्रोत से प्राप्त होने वाली राशि का 70 प्रतिशत हिस्सा शिक्षक कर्मियों के वेतन पर खर्च करें।
विभाग ने निर्देश दिया है कि जिन संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों के परीक्षाफल के आधार पर दी गई अनुदान राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं मिला है, उन महाविद्यालयों के परीक्षाफल आधारित अनुदान पर रोक लगाई जाएगी।
परीक्षाफल आधारित अनुदान की अगली किस्त देने के पहले शिक्षा विभाग ने शिक्षकों और कर्मचारियों की सूची भी मांगी है।