दीपावली के पंच पर्वों की शुरुआत धनतेरस से होती है. पांच दिनों तक धूम मची रहती है. हर ओर खुशियां ही खुशियां होती हैं. लेकिन, इन्हीं खुशियों के बीच इस शुभ अवसर पर हमें हमारे पूर्वजों को नहीं भूलना चाहिए. इसलिए इन विशेष 5 दिन में एक यम देवता का भी होता है, जिसे छोटी दीपावली या नरक चतुर्दशी कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन यम दीपक जलाकर यमराज की पूजा की जाती है, जिससे उनकी कृपा पूर्वजों को मिलती है और उनका उद्धार होता है.
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 को बताया कि 30 अक्टूबर को छोटी दीपावली का पर्व मनाया जाएगा. इसी दिन को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है. इस दिन मृत्यु के देवता यम के नाम दीप दान किया जाता है. मृत्यु के पश्चात नरक के कष्ट से बचने के लिए नरक चतुर्दशी के दिन दीपदान किया जाता है. इसके अलावा अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए भी यह नियम जरूरी माना गया है. साथ ही नरक चतुर्दशी के दिन गोधूलि बेला में यम के नाम दीप जलाया जाता है. लेकिन इसे नियम विधि से ही जलाएं.
इस विधि से जलाएं यम दीप
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि नरक चतुर्दशी के दिन मृत्यु के देवता यम के नाम से गोधूलि बेला में गोबर का बना हुआ चतुर्मुखी दीप जलाना चाहिए. इससे परिवार के सदस्य के ऊपर अकाल मृत्यु का संकट समाप्त हो जाता है. ध्यान रहे कि चतुर्मुखी दीप हमेशा घर की दक्षिण दिशा में ही जलाएं. इसके लिए सबसे पहले गाय के गोबर का चतुर्मुखी दीया बना लें. उसमें लाल बाती लगाएं और सरसों तेल डालें. फिर दीया जलाएं. ऐसा करने से घर का अमंगल नाश होगा और सभी प्रकार के संकट समाप्त होंगे.