संघीय जांच ब्यूरो (FBI) ने खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश को लेकर भारतीय नागरिक के खिलाफ वांरट जारी किया है।
इस व्यक्ति का नाम विकास यादव है जो पूर्व भारतीय सरकारी कर्मचारी बताया जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने यह साफ कर दिया है कि आरोपी अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है।
इस बीच, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में दावा किया गया कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने विकास यादव को जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किया था।
पिछले साल नवंबर में अमेरिकी न्याय विभाग के दस्तावेजों में विकास यादव का नाम सह-साजिशकर्ता के तौर पर दर्ज हुआ।
इसके करीब तीन सप्ताह बाद भारत में उसकी गिरफ्तारी हुई थी। रिकॉर्ड्स का हवाला देते हुए बताया गया कि विकास को इसी साल अप्रैल में जमानत पर रिहा किया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, 18 दिसंबर 2023 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रोहिणी निवासी की ओर से दर्ज FIR के आधार पर विकास यादव को गिरफ्तार किया था।
उस पर जबरन वसूली और अपहरण जैसे गंभीर आरोप लगे थे। साथ ही, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ उसके संबंध होने के भी दावे किए गए।
शिकायतकर्ता ने कहा कि वह पहले आईटी कंपनी चलाता था। पश्चिम एशिया में रहने वाले कई भारतीयों से उसके संबंध थे। उसने कहा, ‘पिछले साल नवंबर में मेरे दोस्त ने मुझे सीनियर सरकारी अधिकारी के तौर पर यादव से मिलवाया। हमने नंबर शेयर किए। हम अच्छे दोस्त बन गए थे।’
अपहरण करके वसूली का था प्लान
सीनियर अधिकारी के मुताबिक, विकास यादव ने पुलिस को बताया कि उसके पिता सीमा सुरक्षा बल (BSF) में कार्यरत थे। साल 2007 में उनकी मृत्यु हो गई। यादव की शादी साल 2015 में हुई। इस मामले में वह शिकायतकर्ता से एक सामाजिक समारोह में मिला था।
उसने उसका अपहरण करने के बाद पैसे कमाने का प्लान बनाया। विकास यादव का एक सहयोगी था, जो उस समय कार डीलर था।
उसने पुलिस को बताया कि बिजनेस में उसे काफी नुकसान हुआ था। इसलिए उसने यादव के प्लान के हिस्सा बनने का फैसला किया।
ये बातें आरोपपत्र में लिखी हुई हैं। शिकायतकर्ता ने कहा कि विकास यादव और उसके साथी की ओर से अपहरण किए जाने के बाद उसने पुलिस से संपर्क किया। यह पिछले साल 17 दिसंबर का घटनाक्रम है।
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