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AIIMS दिल्ली में फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम का आगाज़, आईसीयू में विजिटर नियंत्रण के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू

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दिल्ली: AIIMS दिल्ली ने मरीज और स्टॉफ के लिए फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम की शुरुआत की है. कोलकाता के आरजी कर अस्पताल हादसे से सबक लेते हुए AIIMS दिल्ली ने इसकी पहल की है. फिलहाल, इस प्रोजेक्ट को पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर AIIMS के मदर एंड चाइल्ड ब्लॉक में शुरू किया गया है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली ने मदर एंड चाइल्ड ब्लॉक में एक परिष्कृत फेशियल रिकॉग्निशन-आधारित एक्सेस कंट्रोल सिस्टम और विजिटर मैनेजमेंट सिस्टम के साथ एक पायलट प्रयोग शुरू किया है. यह पहल सुरक्षा पर बढ़ते जोर और विशेष रूप से ऑपरेशन थिएटर और आईसीयू जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर अवांछित विजिटर को नियंत्रित करने को लेकर है.

AIIMS में बाहरी संक्रमण से सुरक्षा के लिए नई पहल
AIIMS के सूत्रों के मुताबिक मरीजों को सबसे अधिक खतरा बाहरी इन्फैक्शन से होता है. ऐसे में किसी भी बाहरी व्यक्ति के आगमन से अस्पताल में संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है और अनधिकृत व्यक्तियों के लिए क्लिनिकल क्षेत्रों तक पहुंच की समस्या भी होती है. AIIMS सूत्रों के मुताबिक, खासकर रात में ऐसी घटनाएं काफी अधिक होती है. AIIMS दिल्ली के निदेशक डॉ एम श्रीनिवास ने कहा कि आरजी कर अस्पताल में हाल ही में हुई त्रासदी के बाद कर्मचारियों, छात्रों, रोगियों और वार्डों और आउटपेशेंट क्लीनिकों में आने वाले सभी आगंतुकों की सुरक्षा में सुधार करना वांछनीय है. निवारक दृष्टिकोण चेहरे की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर का उपयोग करके इनपेशेंट, डायग्नोस्टिक लैब और सुविधाओं, कार्यालय और अनुसंधान क्षेत्रों में अनधिकृत पहुंच को कम कर सकता है.

पायलट प्रोजेक्ट पर काम
स्वचालित पहुच नियंत्रण: FR-ACS प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश को सख्ती से नियंत्रित करने के लिए चेहरे की पहचान-नियंत्रित फ्लैप बैरियर का उपयोग करेगा.

रोगी नामांकन: आपातकालीन या गंभीर मामलों को छोड़कर सभी रोगियों को प्रवेश के समय FR-ACS में नामांकित किया जाएगा, उनके प्राधिकरण को उनके विशिष्ट स्वास्थ्य पहचान संख्या (UHID) से जोड़ा जाएगा. डिस्चार्ज होने पर पहुँच अधिकार स्वचालित रूप से रद्द कर दिए जाएँगे.

डिजिटल विजिटर प्रबंधन: VMS आगंतुकों को FR-ACS के माध्यम से अपनी पहचान प्रमाणित करने और एक समर्पित ऐप के माध्यम से पंजीकरण करने में सक्षम करेगा. यह प्रणाली उन्हें सुरक्षित विज़िटेशन आमंत्रण साझा करने की अनुमति देगी जो उनकी यात्रा के उद्देश्य के आधार पर विशिष्ट क्षेत्रों तक पहुँच प्रदान करती है.

अद्वितीय विजिटर कोड (UVC): आगंतुक एक वैध सरकारी-जारी आईडी और अपनी चेहरे की पहचान का उपयोग करके पंजीकरण करेंगे, जो निर्बाध प्रवेश की सुविधा के लिए एक UVC उत्पन्न करेगा, बशर्ते उनके पास एक वैध आमंत्रण हो.

अद्वितीय विजिटर कोड (UVC): आगंतुक एक वैध सरकारी-जारी आईडी और अपनी चेहरे की पहचान का उपयोग करके पंजीकरण करेंगे, जो निर्बाध प्रवेश की सुविधा के लिए एक UVC उत्पन्न करेगा, बशर्ते उनके पास एक वैध आमंत्रण हो.

सभी आगंतुकों के लिए सहायता: प्रौद्योगिकी से कम परिचित लोगों की सहायता के लिए, विभिन्न प्रवेश बिंदुओं और रोगी क्षेत्रों में स्टाफ युक्त सुविधा टर्मिनल उपलब्ध होंगे.

नवीनतम प्रौद्योगिकी से स्वास्थ्य सेवा सुरक्षा में वृद्धि
डॉ रीमा दादा, पीआईसी मीडिया सेल ने इस परियोजना पर टिप्पणी की ‘यह पायलट परियोजना स्वास्थ्य सेवा सुरक्षा को उन जगहों पर ले जाने की दिशा में हमारे प्रगतिशील दृष्टिकोण का एक उदाहरण है जहां पहले से कोई सुरक्षा नहीं थी. अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से, हम अपने नैदानिक ​​क्षेत्रों की सुरक्षा करते हुए आगंतुकों के प्रबंधन में सुधार करने जा रहे हैं.’