खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के मामले में अमेरिका भारत की जांच से संतुष्ट नजर आ रहा है।
साथ ही अमेरिका ने साफ किया है कि इस साजिश में कथित तौर पर शामिल व्यक्ति अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है।
हाल ही में अमेरिका आए भारतीय अधिकारियों की एक टीम ने यहां विदेश मंत्रालय और विधि मंत्रालय के अधिकारियों के साथ इस मामले को लेकर मुलाकात की थी।
अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि पन्नू की हत्या की साजिश के मामले में कथित तौर पर शामिल व्यक्ति अब भारत सरकार के लिए काम नहीं करता है।
उन्होंने कहा, ‘हमने जांच समिति के सदस्यों को अमेरिकी तरफ से की जा रही जांच की जानकारी दी है। साथ ही हमें उनकी तरफ से भी जांच संबंधी जानकारियां मिली हैं। यह मीटिंग अच्छी रही।’
मिलर ने कहा, ‘उन्होंने हमें बताया है कि न्याय विभाग की तरफ से नामित व्यक्ति अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘हम सहयोग से संतुष्ट हैं। यह प्रक्रिया अभी चल रही है। हम इसे लेकर उनके साथ काम करना जारी रखेंगे, लेकिन हम सहयोग और जांच के बारे में हमें अपडेट करने लिए उनकी सराहना करते हैं।’
क्या था मामला
पन्नू के खिलाफ साजिश रचने के आरोप निखिल गुप्ता नाम के शख्स पर लगे थे। उसे जून में चेक रिपब्लिक से प्रत्यर्पित कर अमेरिका लाया गया था।
अमेरिका के न्याय विभाग का कहना है कि 53 साल के गुप्ता को 30 जून 2023 में चेक में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद अमेरिकी तरफ से तरफ चिंता जाहिर किए जाने के बाद भारत ने जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की थी।
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