भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर और जबलपुर का मास्टर प्लान नई सिरे से तैयार होगा। नए मास्टर प्लान में ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट (टीडीआर) का भी प्रावधान किया जाएगा। बड़े शहरों में हरियाली बढ़ाने, क्षेत्रफल सीमित करने तथा वर्तमान क्षेत्रफल में ही सड़क, बिजली, पानी की बेहतर व्यवस्था और निर्माण का प्रतिशत बढ़ाकर भविष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के उद्देश्य से नया मास्टर प्लान बनाया जाएगा।
जबलपुर और इंदौर के लिए मास्टर प्लान 2041 को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का मास्टर प्लान 2047 की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा। राजधानी भोपाल का मास्टर प्लान लंबे समय से अटका हुआ है। जिस तरह से मुख्यमंत्री या मंत्री बदले,उसके साथ ही भोपाल का मास्टर प्लान भी अटकता रहा। जबलपुर और इंदौर का मास्टर प्लान पिछले 3 वर्षों से लटका हुआ है।
नए मास्टर प्लान में शहरों मे मिश्रित भूमि उपयोग को शामिल किया जाएगा। मुख्य मार्ग के बीच में व्यावसायिक क्षेत्र के लिए जगह देखी जाएगी। प्रत्येक 2 से 3 किलोमीटर के बीच में बिना प्रदूषण वाले उद्योगों की स्थापना की अनुमति दी जाएगी। शहरों में लोगों को स्थानीय आधार पर रोजगार मिले। आईटी पार्क की व्यवस्था की जाएगी। कॉलोनी विकास के लिए नए नियम बनाए जाएंगे।
भोपाल के मास्टर प्लान में सीहोर, मंडीदीप, अब्दुल्लागंज, बंगरसिया इत्यादि को शामिल किया जाएगा। इंदौर के मास्टर प्लान में पीथमपुर देवास और उज्जैन को भी शामिल किया जा सकता है।