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नर्मदा और ताप्ती प्रदेश के साथ अन्य प्रदेश को भी संचित कर रही : मुख्यमंत्री यादव 

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सूरत। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि देश की प्रमुख नदियों का प्रदेश में मायका है। नर्मदा और ताप्ती अपने मायके अर्थात मध्यप्रदेश को आनंदित और प्रफुल्लित करती ही है, साथ ही वे गुजरात को भी धन-धान्य से परिपूर्ण कर रही है। सोन नदी का उद्गम अमरकंटक से है, जो बिहार में गंगा से मिलती हैं और गंगा की धारा को समृद्ध करती है। मध्यप्रदेश से निकलने वाली चंबल नदी राजस्थान को जीवन प्रदान करती है यह नदियां मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी हैं। 

उन्होंने कहा कि जल संचय-जन भागीदारी कार्यक्रम के मकसद की प्राप्ति के लिए प्रदेश कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार है। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि पानी के लिए गुजरात में समस्या रहती है और उनकी सहायता करना हम सब का कर्तव्य है। 

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्षा जल संचयन को बढ़ाने और दीर्घकालिक जल स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए जल संचय-जन भागीदारी-जन आंदोलन कार्यक्रम की पहल की थी। इसी कड़ी में सूरत में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, वरिष्ठ जन-प्रतिनिधि, केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय तथा राज्यों के अधिकारी उपस्थित थे। सीएम डॉ. यादव ने कहा कि महादेव ने गंगा को जटाओं में धारण कर और भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत धारण कर जल संरक्षण के महत्व को दिखाता। इसी क्रम में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश प्रगति पथ पर निरंतर अग्रसर हैं। विश्व में भारत की साख स्थापित हुई है और दुनिया के सभी देश प्रधानमंत्री मोदी से मधुर और जीवंत संपर्क और संबंध बनाने के लिए आतुर रहते हैं। भारतीय सनातन संस्कृति में जल ही जीवन है का विचार सर्वमान्य है।

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में प्रदेश देश का पहला राज्य बना है, जहां नदी जोड़ो अभियान के तहत दो परियोजनाओं का क्रियान्वयन शुरु हो रहा है। मप्र और यूपी के बीच केन-बेतवा नदी जोड़ो अभियान और मध्यप्रदेश और राजस्थान के मध्य चंबल-पार्वती-काली सिंध लिंक परियोजनाएं शीघ्र ही मूर्त रूप लेंगी। सीएम यादव ने कहा कि प्रदेश में करीब 3 हजार 500 गांव के 13 हजार से अधिक लोगों ने संकल्प लेकर जल गंगा अभियान के अंतर्गत जल भंडारण क्षमता में वृद्धि के लिए 10 हजार से अधिक पोखर, तालाब, कुएं, बावड़ी का जीर्णोद्धार किया। 

वहीं केंद्रीय जल शक्ति मंत्री पाटिल ने नदी जोड़ो अभियान में मध्यप्रदेश द्वारा प्रदान किए जा रहे सहयोग की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नदियों के जोड़ने की परियोजना शीघ्र ही आरंभ होगी।