Home राजनीति नेतृत्व राहुल के पास रहे या प्रियंका के पास, मुझे नहीं लगता...

नेतृत्व राहुल के पास रहे या प्रियंका के पास, मुझे नहीं लगता है कि बहुत जल्द कांग्रेस के दिन बहुरने वाले हैं – राजीव रंजन

5
0

नई दिल्ली । जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि कांग्रेस की प्रासंगिकता कहीं ना कहीं एक राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर घटती जा रही है। वह एक राष्ट्रीय पार्टी है, एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका उन्हें निभानी चाहिए। कांग्रेस से जो देश की अपेक्षा है, वह कहीं न कहीं दिखा नहीं पा रहे हैं। ऐसे में नेतृत्व राहुल गांधी के पास रहे या प्रियंका गांधी के पास रहे। मुझे नहीं लगता है कि बहुत जल्द कांग्रेस के दिन बहुरने वाले हैं।  राजीव रंजन किसान नेता गुरनाम चढूनी के ब्यान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिन्होंने कहा है कि कांग्रेस की कमान प्रियंका गांधी को दी जाए तभी कांग्रेस का कुछ हो सकता है। 
मुंबई में बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या पर जेडीयू प्रवक्ता ने कहा, वह बिहार के थे और बिहार के अनेक समारोहों में उनकी उपस्थिति होती थी। मुंबई के एक बेहद लोकप्रिय राजनेता थे। उनकी बतौर विधायक व मंत्री एक ऐसे नेता की छवि थी, जिन पर कभी किसी तरह के पक्षपात का आरोप नहीं लगा। कभी किसी आपराधिक घटना को लेकर उन पर कोई सवाल नहीं खड़े हुए। लेकिन जिस तरह से कॉन्ट्रैक्ट किलिंग के वह शिकार हुए यह अत्यंत दुखद है। लेकिन हमें एक बार जरूर स्वीकार करनी चाहिए कि मुंबई पुलिस ने बहुत जल्द दो शूटर को गिरफ्तार कर लिया है। जिसने भी सुपारी दी है उसका पकड़ा जाना बेहद अहम है। हमें पूरा विश्वास है कि महाराष्ट्र पुलिस ने पहले भी अच्छा काम किया है और इस मामले में भी वह बाबा सिद्दीकी और उनके परिजनों को न्याय दिलाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी।
सामना में लिखा गया है कि हरियाणा की हार से कांग्रेस को सीख लेने की जरूरत है। इस पर जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि कांग्रेस के हरियाणा के प्रदर्शन के बाद सामना का जो लेख है और आप पार्टी के बड़े नेताओं के जिस प्रकार के बयान हैं। अखिलेश यादव ने जो कुछ भी कहा उससे बिल्कुल साफ है कि कांग्रेस को उनकी जगह बताने की कोशिश शुरू हो गई है। ‘सामना’ के जरिए महाराष्ट्र के चुनाव में टिकटों के वितरण में कांग्रेस के अहंकार पर कठोर प्रहार किया गया है।