Home देश – विदेश दुनिया की इस ज़मीन पर किसी भी देश का अधिकार नहीं है,...

दुनिया की इस ज़मीन पर किसी भी देश का अधिकार नहीं है, और कोई भी वहां जाकर प्रधानमंत्री बन सकता है…

2
0

जमीन के लिए दुनिया के कई हिस्सों में देशों के बीच में लड़ाई मची हुई है।

सबसे बड़ी लड़ाई इस वक्त फिलीस्तीन और इजरायल के बीच मची हुई है, जिसमें हजारों लोग मारे जा चुके हैं।

लेकिन इजरायल से कुछ किलोमीटर दूर ही जमीन का एक हिस्सा ऐसा है जिस पर कोई भी देश कब्जा नहीं करना चाहता।

दरअसल, हम बात कर रहे हैं बिर ताविल नामक क्षेत्र की, जो कि इजिप्ट और सूडान की सीमा के बीच में बसा हुआ है। इस रेगिस्तानी क्षेत्र पर ना तो सूडान अपना दावा करता है और ना ही इजिप्ट।

पिछले 60 सालों में यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय नेताओं के लिए एक चुनौती बना हुआ है। सहारा रेगिस्तान के उत्तरपूर्वी क्षेत्र में बसे इस 2060 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र का नाम खानाबदोशों ने बीर ताविल रखा है, जिसका अरबी में अर्थ होता है ऊंचा पानी वाला कुंआ।

क्योंकि बिर ताविल एक सूखाग्रस्त इलाका है इसलिए यहां की जमीन में ना तो किसी तरह के कोई मिनरल्स हैं और ना ही यह जमीन उपजाऊ है।

इसके कारण ना तो सूडान और ना ही इजिप्ट इस इलाके को अपने देश में शामिल करना चाहता है। दोनों ही देशों ने इस वनस्पतिविहीन और जनसंख्या विहीन इस रेगिस्तानी क्षेत्र के विवाद को अनसुलक्षा छोड़ना ही बेहतर समझा है।

देशों ने छोड़ा तो लोग नया देश बनाने की कोशिश करने लगे

दोनों देशों ने जब इस रेगिस्तानी इलाके के ऊपर के अपने विवाद को अनसुलझा छोड़ने का मन बना लिया तो कई लोगों ने इस पर अपना कब्जा जमाने की कोशिश की। 2014 में वर्जीनिया के एक किसान ने बिर ताविल में एक झंड़ा गाड़ दिया और खुद को उत्तरी सूडान के राज्य का गवर्नर घोषित कर दिया।

उनका कहना था कि वह चाहते हैं कि उनकी बेटी राजकुमारी बनें। इसके लिए उन्होंने अपना झंडा बनाया और यहां पर गाड़ दिया। ले

किन उनके दावे को निरस्त कर दिया गया। इस घटना के तीन साल बाद 2017 में इंदौर के रहने वाले एक शख्स ने इस जगह को अपना देश घोषित कर दिया और इस जगह का नाम ‘किंगडम ऑफ दीक्षित’ रख दिया। उन्होंने अपने आप को यहां का राजा घोषित किया और अपने पिता को अपना प्रधानमंत्री बना लिया।

इन दोनों के अलावा कई और लोगों ने भी इस जगह को अपना देश बनाने की कोशिश की। लेकिन सहारा के रेगिस्तान में इस जगह को लेकर ऐसा करना एक घूमने के उद्देश्य से ही किया गया था। सूखाग्रस्त होने की वजह से किसी भी देश की इस इलाके में दिलचस्पी नहीं है।

The post दुनिया की इस ज़मीन पर किसी भी देश का अधिकार नहीं है, और कोई भी वहां जाकर प्रधानमंत्री बन सकता है… appeared first on .