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फर्जी एसबीआई बैंक का संचालन करने वाले मास्टरमाइंड को पुलिस ने गिरफ्तार

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सक्ती

फर्जी एसबीआई बैंक का संचालन करने वाले मास्टरमाइंड को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी अनिल भास्कर, जो सारंगढ़ भिलाईगढ़ जिले के ग्राम दुम्हानी का निवासी है. आरोपी भास्कर सक्ती जिले के मालखरौदा थाना क्षेत्र के छपोरा गांव में फर्जी एसबीआई बैंक का संचालन कर रहा था, जिसमें उसने बेरोजगार युवाओं को एसबीआई में नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी कर चुका है.

जानकारी के अनुसार, आरोपी अनिल भास्कर ने फर्जी SBI बैंक में नौकरी दिलाने के नाम पर 6 लोगों से लाखों रुपये की ठगी की थी. पुलिस के आरोपी के खिलाफ धारा 318, 4, 338, 336, 340, 3, 4 bns के तहत मामला दर्ज किया गया है. फर्जी बैंक का पर्दाफाश होने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया था, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया है.

नौकरी के नाम पर कई जगहों पर कर चूका है ठगी
पुलिस ने बताया कि आरोपी अनिल भास्कर शातिर प्रवृत्ति का व्यक्ति है जो पूर्व में भी रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर साढ़े सात लाख रुपये की ठगी किया था. जिसके खिलाफ बिलासपुर जिले के तोरवा थाने में अपराध दर्ज है. आरोपी द्वारा कई जगहों पर लोगों से नौकरी लगने के नाम पर धोखाधड़ी किया गया है. सक्ती जिले में आरोपी ने एसबीआई (SBI Bank) में नौकरी लगने के नाम पर करीब साढ़े 6 लाख रुपए की ठगी की थी और ठगी की रकम से एक कार और मोबाइल फोन भी खरीदा था.

पुलिस ने बताया कि आरोपी अनिल भास्कर के अलावा मामले में आठ और भी आरोपी है जिनकी तलाश की जा रही है. आरोपियों का मेन टारगेट बेरोजगार युवा होते थे जो नौकरी की तलाश में रहते थे. उन्हें यह मोटी रकम लेकर तरह-तरह से ठगा करते थे. फिलहाल पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे नायक डिमांड पर भेज दिया है.

ऐसे हुआ भंडाफोड़
पिछले शुक्रवार को डभरा एसबीआई ब्रांच के अधिकारी दौरे पर निकले थे और रास्ते में एसबीआई की शाखा देखी तो बैंक में पहुंच गए. जहां बातचीत से उन्हें गड़बड़ लगा और उन्होंने इसकी सूचना मालखरौदा पुलिस को दी. मौके पर पुलिस एवं प्रशासन की टीम पहुंची और जांच की है. एसबीआई के अधिकारियों की शिकायत थी की इनके द्वारा स्टेट बैंक का बड़ा बैनर लगाकर बैंक का सेट अप लगाया गया था. जब जांच टीम मौके पर पहुंची तो कथित बैंक मैनेजर फरार था. शाखा में 6 कर्मचारी उपस्थित थे, जिन्होंने बताया कि पत्र एवम इंटरव्यू के माध्यम से उनको एप्वॉइंट किया गया था. उन्होंने बताया कि उक्त शाखा में एम्पलाई को ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था. उनको बाद में अन्य स्थान में पोस्टिंग किया जाता. मामले में पुलिस की टीम स्टेट बैंक के शिकायत के आधार पर कार्रवाई शुरू कर दी है.