Home राजनीति भरत ने खड़ाऊं रख सिंहासन संभाला, मैं दिल्ली संभालूंगी

भरत ने खड़ाऊं रख सिंहासन संभाला, मैं दिल्ली संभालूंगी

3
0

नई दिल्ली। दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को पदभार संभाल लिया है। आतिशी ने करीब 12 बजे मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंच कर तमाम औपचारिकताएं पूरी कीं। इस दौरान आतिशी ने सीएम ऑफिस में एक खाली कुर्सी रख छोड़ी और खुद दूसरी कुर्सी में बैठीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज मेरे मन में भरत की व्यथा है, जिस प्रकार भरत जी ने भगवान श्री राम की खड़ाऊं रखकर अयोध्या का शासन संभाला था, उसी तरह मैं दिल्ली की सरकार चलाऊंगी। भाजपा ने इसे जनता का अपमान बताया है।
सीएम का पदभार संभालने के साथ ही दिल्ली की नई सीएम आतिशी ने कहा, कि यह खाली कुर्सी उन्होंने अरविंद केजरीवाल के लिए छोड़ रखी है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि फरवरी में विधानसभा चुनाव के बाद दिल्ली के लोग केजरीवाल को एक बार फिर से इसी कुर्सी पर बिठाएंगे। तब तक यह खाली कुर्सी इसी कमरे में रखी रहेगी और केजरीवाल जी का इंतजार करेगी। आतिशी ने आगे कहा, कि मेरे मन में आज वही व्यथा है जो भगवान श्री राम के 14 साल के लिए वनवास जाते समय भरत जी के मन थी। जिस प्रकार भरत जी ने 14 साल तक भगवान श्री राम की खड़ाऊं रखकर अयोध्या का शासन संभाला। उसी तरह से मैं भी आने वाले 4 महीने दिल्ली की सरकार चलाऊंगी। उन्होंने कहा कि केजरीवाल जी पर कीचड़ उछालने में भाजपा ने कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल का कहना है कि जब तक दिल्ली वाले उनकी ईमानदारी साबित नहीं कर देते, तब तक वो सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे और इसी के साथ उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि अब दिल्ली के लोग ही दोबारा अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिराजमान करेंगे।

केजरीवाल ने जेल से रिहा होते ही दिया था इस्तीफा
दिल्ली की कथित शराब नीति मामले में 13 सितंबर को जमानत पर रिहा होने के बाद केजरीवाल ने 17 सितंबर को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 21 सितंबर को आतिशी को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री घोषित कर दिया गया और सोमबार 23 सितंबर को उन्होंने सीएम का पदभार संभाल लिया है।

भाजपा ने बताया जनता का अपमान
भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी पर निशाना साधा और कहा, कि उन्हें अपनी कुर्सी के बगल में खाली कुर्सी नहीं रखना चाहिए था। उन्होंने ऐसा करके मुख्यमंत्री पद की गरिमा और दिल्ली की जनता का अपमान किया है। दिल्ली भाजपा चीफ वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है, कि ऐसा करके आतिशी ने पद की गरिमा और दिल्ली की जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि यह आदर्श पालन नहीं, बल्कि चमचागीरी है। भाजपा के इस बयान के बाद दिल्ली की सियासत गर्मा गई है।