पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर यानी PoK में लोग बदहाल जिंदगी जीने को मजबूर है।
यहां के दोसुत, बंटल, ख्वाजा सेरी और आसपास के इलाकों के लोगों के इलाज के लिए भी कोई साधन उपलब्ध नहीं हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी की वजह से अब लोग तंग आ चुके हैं और सवाल उठाने के लिए मजबूर हैं।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल PoK की नीलम घाटी में दोसुत और उसके आसपास के गांवों के लोगों ने अधिकारियों से कई शिकायतें की हैं। हालांकि जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं आया है।
PoK के दोसुत के एक निवासी के हवाले से बताया, “यह देखकर बहुत दुख होता है कि यहां केवल एक ही डिस्पेंसरी है और वह भी खराब स्थिति में है।
प्रशासन हम पर ध्यान नहीं देता। उन्होंने कहा, “करीब 40 साल बीत चुके हैं और इस बेसिक हेल्थ यूनिट में कोई बदलाव नहीं आया है जबकि आस-पास के इलाकों की आबादी फिलहाल 10,000 से ज़्यादा है। हम इस समय बहुत ज़्यादा बोझ तले दबे हुए हैं और स्थानीय प्रशासन से हमारी यूनिट के लिए ज़्यादा फंड और कर्मचारी मांग कर रहे हैं।”
सोशल मीडिया पर आवाज उठा रहे लोग
एक दूसरे निवासी ने कहा कि इस इलाके में कोई अस्पताल नहीं है और उन्हें चिकित्सा सेवाओं के लिए काफी दूर तक जाना पड़ता है। उन्होंने कहा, “हमारे यहां जो क्लिनिक है उसे प्रशासन ने बेसिक हेल्थ यूनिट का टैग भी नहीं दिया है। हम सोशल मीडिया के ज़रिए एक बार फिर अधिकारियों से अनुरोध कर रहे हैं। ये सुविधाएं मुहैया कराना उनकी ज़िम्मेदारी है।”
उन्होंने कहा, “49 साल हो गए हैं और हमारे पास अभी भी कोई अस्पताल नहीं है। यह बहुत निराशाजनक स्थिति है। यहां से नजदीकी अस्पताल भी लगभग 8-10 किलोमीटर दूर है और उसके बाद वाला अस्पताल और भी ज्यादा दूर है।”
बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव
पार्षद सहित स्थानीय निवासियों ने भी PoK में सुविधाओं की कमी पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि विकास की कमी और सरकारों की उदासीनता ने इसके निवासियों में अलगाव की भावना को बढ़ावा दिया है। स्वास्थ्य सुविधा के अलावा इस क्षेत्र में पीने का पानी जैसी अन्य बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है।
Pok को अपना हिस्सा नहीं मानता है पाकिस्तान
पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक देश के भौगोलिक क्षेत्र में बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वाह, पंजाब और सिंध प्रांत के साथ-साथ संघीय राजधानी होगी।
इसमें PoK का कोई जिक्र नहीं है। पाकिस्तान PoK को ‘आजाद कश्मीर’ कहता है। पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 257 में कश्मीर का जिक्र किया गया है।
इसमें कहा गया है कि PoK तभी पाकिस्तान का हिस्सा होगी जब यहां के लोग देश में शामिल होने का फैसला करेंगे। गौरतलब है कि PoK दो हिस्सों में बंटा है। एक हिस्से को पाकिस्तान आजाद कश्मीर कहता है और दूसरा गिलगित बल्टिस्तान।
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