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 फदहाखार फेंसिंग घोटाले: सामान्य सभा में बवाल, मनरेगा की अनियमितता को लेकर भी उठे सवाल

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बिलासपुर । जिला पंचायत सामान्य सभा में फदहाखार फेंसिंग घोटाले को लेकर जमकर बवाल हुआ। विभाग के अधिकारियों की उदासीनता को देखकर बैठक में ही जांच टीम का गठन किया गया है। अब मंगलवार को सदस्यों की जांच टीम मौके में जाकर फेंसिंग घोटाले को प्रत्यक्ष रूप से देखेंगे। बैठक में मनरेगा के कामकाज को लेकर भी गंभीर सवाल उठे और भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगे।

शुक्रवार को जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक के शुरुआत में ही सदस्य मनरेगा के कामकाज को लेकर पिल पड़े। सदस्यों का कहना है कहां और किसके कहने पर काम हो रहा है किसी को खबर तक नहीं होती। कागज बताता है काम हुआ है जबकि मौके पर जाकर देखो तो काम नही दिखता। बिल धड़ाधड़ पास हो रहा है। सदस्यों ने आरोप लगाया की मनरेगा के काम में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है। इसकी जांच होनी चाहिए। बैठक में स्वास्थ विभाग के अधिकारियों की भी जमकर खिंचाई हुई। जितेंद्र पाण्डेय ने जीवनदीप समिति में जनप्रतिनिधियों को नहीं बुलाए जाने पर आपत्ति की और ष्टरूह्र से पूछा की किस नियम में लिखा है कि बैठक में जनप्रतिनिधियों को नहीं बुलाना है। उन्होंने झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा जब इतने लोगों के क्लीनिक और दुकान सील किए गए तो स्नढ्ढक्र सिर्फ एक पर ही क्यों की गई। सभी के खिलाफ जुर्म दर्ज क्यों नही किया गया। सदस्यों ने ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में डॉक्टरों की अनुपस्थिति का भी मुद्दा उठाया। एक सदस्य में बिल्हा में सोनोग्राफी और एक्सरे मसीन बंद होने का कारण पूछा तो ष्टरूह्र नही बता सके। एक अन्य सदस्य में बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में टिटनेस तक का इंजेक्शन नही है। विधायक प्रतिनिधि उमेश गौरहा ने लछनपुर डायवर्सन से किसानों का पानी कोल वासरी को दिए जाने पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों की खिंचाई की। अधिकारियों ने बताया कि पानी देने का आदेश बहुत पहले का है। बैठक में वन विभाग के अधिकारियों पर जिला पंचायत सदस्य और सभापति जितेंद्र पाण्डेय और अंकित गौरहा जमकर बरसे। दोनो ने फदहाखार फेंसिंग घोटाले की जानकारी मांगी तो अधिकारी नहीं दे पाए। जबकि पिछली बैठक में अधिकारियों ने पूरी जानकारी के साथ उपस्थित होने का आश्वासन दिया था। दोनो सदस्यों ने अधिकारियों पर भडक़ते हुए तत्काल जिला पंचायत सदस्यों की जांच टिम बनाने की मांग रखी। इसके बाद बैठक में ही एक टिम का गठन किया गया, जो मागलवार को मौके पर जाकर फदहाखार में हुए फेंसिंग के काम को देखेंगे।