Home देश – विदेश संसदीय व्यवस्था की मजबूती के लिये युवा संसद प्रभारियों की भूमिका महत्वपूर्ण

संसदीय व्यवस्था की मजबूती के लिये युवा संसद प्रभारियों की भूमिका महत्वपूर्ण

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भोपाल : भोपाल के पं. कुंजीलाल दुबे राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ में आज युवा संसद प्रभारियों का प्रशिक्षण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किया गया। इसके उद्घाटन सत्र में अपर मुख्य सचिव संसदीय कार्य विभाग केसी गुप्ता शामिल हुए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपर मुख्य सचिव ने युवा संसद प्रभारियों को बताया कि भारत का लोकतंत्र दुनिया में अपनी विशिष्टता के कारण विशेष पहचान रखता है। देश का लोकतंत्र विश्व में सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के रूप में गिना जाता है। उन्होंने कहा कि युवा संसद प्रभारियों की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण है। वे अपने शैक्षणिक संस्थानों में युवा संसद का मंचन कर अधिक से अधिक विद्यार्थियों की सहभागिता सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि बच्चे और युवा देश के भविष्य हैं। इन्हें संसदीय प्रणाली का ज्ञान होना जरूरी है। कार्यक्रम को डॉ. एन.के. थापक कुलगुरू एलएनसीटी विश्वविद्यालय एवं डॉ. धर्मेन्द्र पारे निदेशक जनजातीय संग्रहालय ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में संसदीय पीठ की संचालक डॉ. प्रतिमा यादव ने बताया कि यह संसदीय पीठ वर्ष 1998 से निरंतर संचालित हो रही है। संसदीय पीठ के माध्यम से बच्चों और युवाओं को संसदीय प्रणाली के सिद्धांतों के बारे में जानकारी देने के प्रयास किये जा रहे हैं। संसदीय पीठ में हुए आज के कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के स्कूलों और बरकतउल्ला विश्विविद्यालय भोपाल के कॉलेजों के युवा संसद प्रभारियों को युवा संसद मंचन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

कार्यक्रम के प्रथम सत्र में केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय के उप सचिव ए.बी. आचार्य ने युवा संसद प्रभारियों के सवालों के जवाब दिये। उन्होंने कहा कि नागरिकों के अनुशासन और निष्ठा से लोकतंत्र को मजबूती मिलती है। कार्यक्रम के अंत में सागर पब्लिक स्कूल कटारा एक्सटेंशन भोपाल द्वारा मंचित किये गये युवा संसद मंचन की ऑनलाइन क्लिपिंग सभी को दिखाई गई।