राष्ट्रीय राजधानी में चोरी के मामलों में वृद्धि दर्ज होते हुए पिछले साल की तुलना में 23 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज हुई है। दिल्ली पुलिस ने आंकड़े साझा करते हुए यह जानकारी दी है। पुलिस सूत्रों ने चोरी के मामलों में वृद्धि के लिए नाबालिगों और किशोरों की संलिप्तता में वृद्धि को अहम बताया है।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, इस साल 15 अगस्त तक कुल 5,438 चोरी के मामले दर्ज किए गए हैं, जो 2023 से 23.9 प्रतिशत अधिक है, जबकि इसी अवधि में चोरी के 4,389 मामले दर्ज किए गए थे।
वर्ष 2022 में 15 अगस्त तक ऐसे 3,394 मामले दर्ज किए गए। आंकड़ों से पता चला है कि राष्ट्रीय राजधानी में 2023 और 2022 में क्रमशः कुल 6,916 और 6,189 चोरी के मामले दर्ज किए गए। इनमें से इस साल 1,764 और वर्ष 2023 में 1,397 मामले सुलझाए गए।
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घरों में चोरी के मामलों में आई गिरावट
आंकड़ों के अनुसार, घरों में चोरी के मामलों में 13 प्रतिशत की गिरावट आई है और इस साल 15 अगस्त तक 11,944 दर्ज किए गए जो पिछले साल 13,863 मामले दर्ज किए गए थे। आंकड़ों के अनुसार, 2022 में इसी अवधि में घरों में चोरी के कम से कम 9,318 मामले दर्ज किए गए थे।
मोटर वाहन चोरी के मामलाें में भी कमी
इस साल मोटर वाहन चोरी के मामलों में भी कमी आई है। 15 अगस्त तक 23,794 मामले दर्ज किए गए, जो 2.88 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है। 15 अगस्त तक 2023 में कुल 24,500 मोटर वाहन चोरी और 2022 में 22,681 मामले दर्ज किए गए थे।
चोरी के लिए नाबालिगों को बना रहे माेहरा
एक पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि गिरोह अक्सर चोरी के लिए नाबालिगों को शामिल करते हैं, क्योंकि उनके पकड़े जाने की संभावना अपेक्षाकृत कम होती है।
उन्होंने कहा कि इन नाबालिगों को आसानी से जमानत मिल जाती है और वे फिर से इसी तरह के अपराधों में शामिल हो जाते हैं। दिल्ली पुलिस बार-बार लोगों से ताले के बजाय इंटरलाकिंग सिस्टम का उपयोग करने और घर से बाहर होने पर भी अपने घरों में लाइट चालू रखने की सलाह देती है।