बांग्लादेश में शेख हसीना के हाथ से 15 साल की सत्ता छूट चुकी है और नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में भारत के पड़ोसी राष्ट्र को नई अंतरिम सरकार भी मिल चुकी है।
हसीना भले ही 5 अगस्त को जल्दीबाजी में देश छोड़कर भारत की शरण लिए हुए हों, लेकिन, उनकी मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही है।
बांग्लादेश में अभी भी उनके खिलाफ जोर-शोर से ऐक्शन चल रहा है। रविवार को हसीना के खिलाफ तीन नए केस दर्ज हुए। इस तरह कुल 10 मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें से हत्या के आठ, अपहरण का एक और नरसंहार का एक मामला शामिल है।
रविवार को बांग्लादेश की अपदस्थ पीएम शेख हसीना के खिलाफ तीन और मामलों में दर्ज किए गए।
इन मामलों में 2015 में उनकी कट्टर प्रतिद्वंद्वी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) प्रमुख खालिदा जिया पर हमले का आदेश देने, 2013 में ढाका की एक रैली में गोलीबारी करवाने और 4 अगस्त को जयपुरहाट जिले में एक छात्र की हत्या में उनकी कथित संलिप्तता शामिल है।
हसीना के खिलाफ दर्ज अब तक कुल मामले
बांग्लादेश में पिछले डेढ़ महीने से जारी हिंसा में अब तक 600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 44 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
आंदोलन के चरम पर पहुंचने के बाद शेख हसीना को छात्रों के आगे घुटने टेकने पड़े और 5 अगस्त को आनन-फानन में भारत भागना पड़ा था।
हसीना के खिलाफ सिर्फ छात्र संगठन और विपक्ष ही नहीं, सेना भी हो गई थी। सेना के सहयोग से बांग्लादेश में नई अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है और अब स्थिति धीरे-धीरे संभल रही है।
शेख हसीना के खिलाफ दर्ज मामलों की बात की जाए तो 5 अगस्त को हिंसा के दौरान गोली लगने से अलीफ़ अहमद सियाम नाम का एक छात्र घायल हो गया था। कक्षा नौंवी के छात्र की अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
उसी के मद्देनजर शेख हसीना और 8 अन्य के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार का मामला दर्ज हुआ। इसी दिन मीरपुर में एक अन्य छात्र फैजुल इस्लाम राजोन की हत्या के आरोप में हसीना समेत 24 लोगों के खिलाफ दूसरा मामला दर्ज किया गया।
इसके बाद ढाका के शेरेबंगला नगर थाना क्षेत्र में भी शेख हसीना समेत 11 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया गया। इस मामले में पूर्व पीएम शेख हसीना पर एक ऑटो रिक्शा चालक शहाबुद्दीन की हत्या का आरोप लगा।
तीन नए मामले कौन से हैं?
बीएनपी नेता बेलाल हुसैन ने हसीना और 113 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। जिसमें आरोप लगाया गया है कि वे 2015 में बीएनपी प्रमुख खालिदा जिया के काफिले पर हुए हमले में शामिल थे। ढाका के तेजगांव पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, हमले में 500 से 700 अज्ञात हमलावर शामिल थे।
पूर्व प्रधानमंत्री हसीना का नाम 4 अगस्त को जॉयपुरहाट में छात्रों के विरोध प्रदर्शन में 18 वर्षीय कॉलेज छात्र नजीबुल सरकार की मौत पर दर्ज मामले में भी शामिल है। यह मामला छात्र के पिता मजीदुल सरकार ने जॉयपुरहाट मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दायर किया था।
इस मामले में हसीना के अलावा पूर्व सड़क परिवहन मंत्री और अवामी लीग के नेता ओबैदुल कादर और 128 अन्य को आरोपी बनाया गया है।
रविवार को बांग्लादेश पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष मोहम्मद बाबुल सरदार चखारी ने ढाका मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में एक मामला दायर कर हसीना और 33 अन्य पर 2013 में शापला छत्तर में एक इस्लामी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम द्वारा आयोजित एक रैली पर गोलीबारी में शामिल होने का आरोप लगाया। शिकायत में आरोप लगाया गया कि गोलीबारी में कई लोगों की मौत हुई।
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