इस बार शारदीय नवरात्र खास होंगे। कारण है कि 10 अक्टूबर से शुरू होने वाले नवरात्र पर 110 साल बाद अद्भुत संयोग बनने जा रहा है।
ऐसे में एक ही दिन दो नवरात्र होने के बावजूद यह पूरे नौ दिन चलेंगे। दूसरे नवरात्र का आगाज चित्रा नक्षत्र में होगा व श्रवण नक्षत्र में महानवमी का आगमन होगा।
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि एक दिन दो नवरात्र होने के बावजूद मां दुर्गा नौ दिन कृपा बरसाएगी। 17 को सूर्य तुला राशि में प्रवेश करेगा।
ऐसे में नौ कन्याओं को खीर-पूरी का भोजन करना लाभकारी है। दरअसल, 10 अक्टूबर को नवरात्र शुरू होने जा रहे हैं जो 18 अक्टूबर तक चलेंगे।
चांदी, तांबा, पीतल अथवा मिट्टी का कलश स्थापित करने से पहले स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें। इसके बाद लाल कपड़ा बिछाएं। कलश के चारों तरफ मौली बांधें।
इसमें केसर, सिक्का तथा गेहूं के साथ बिजाई करें। इसके बीचों-बीच एक नारियल रख दें। इसकी रोजाना दो समय दीप जलाकर पूजा अर्चना करें। जिस घर में कलश स्थापित किया है, उसे कभी खाली न छोड़ें। नवरात्र में दिन के समय नींद लेने से परहेज करें। चमड़े का समान कलश से दूर रखें।
तिथियों के मुताबिक करें पूजा
10 अक्टूबर : प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री व मां ब्रम्हाचारिणी 11 अक्टूबर : मां चंद्रघंटा 12 अक्टूबर : मां कुष्मांडा 13 अक्टूबर : मां स्कंदमाता 14 अक्टूबर : मां कात्यायनी 15 अक्टूबर : मां कात्यायनी 16 अक्टूबर : मां कालरात्रि 17 अक्टूबर : मां महागौरी व मां दुर्गा अष्टमी 18 अक्टूबर
नवरात्रि पारणघट स्थापना का शुभ मुहूर्त
समय : सुबह 7.40 बजे अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11.36 से दोपहर 12.24 बजे के मध्यहरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें