रक्षाबंधन का त्योहार सोमवार के दिन श्रावण पूर्णिमा पर मनाया जाएगा. इस बार रक्षा बंधन पर दोपहर 1:29 बजे तक भद्रा काल रहेगा. इसके बाद पूरे दिन राखी बांधी जा सकेगी. इससे पहले विप्रजनों द्वारा श्रावणी उपाकर्म का आयोजन किया जाएगा. इससे पहले रविवार को घर के बाहर सुन मांडे जाएंगे. जिसके लिए पूरा दिन शुद्ध रहेगा.
पंडित रोहित (सोनू) पुजारी ने बताया कि इस बार भद्रा का वास पाताल लोक में रहेगा. जिससे अशुभ नहीं होगा. इस दिन से पंचक भी लग रहा है. उन्होंने बताया कि सोमवार को श्रवण नक्षत्र के बाद धनिष्ठा नक्षत्र के कारण यह राज पंचक होगा और इसे अशुभ नहीं माना जाता है. भद्रा काल में विप्रजनों द्वारा श्रावणी उपाकर्म किया जाएगा. इस पर रोक नहीं रहती है. इस दिन ऋग्वेदी, यजुर्वेदी ब्राह्मण उपाकर्म करेंगे. दोपहर 1:29 बजे तक भद्रा का प्रभाव रहेगा. इस दिन श्रवण नक्षत्र पूर्णिमा और सोमवार होने से सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. साथ ही व्रत की पूर्णिमा भी इसी दिन रहेगी. बहनों द्वारा अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने का मुहूर्त स्वार्थ सिद्धि योग में दोपहर से रात तक रहेगा.
ये है शुभ मुहूर्त
शनिदेव की बहन है भद्रा, इससे इसका प्रभाव रहता है तिथि, वार, योग, करण और नक्षत्र को मिलाकर पंचांग बनाया जाता है. पंडित के अनुसार करण तिथि के आधे भाग को भद्रा कहा जाता है. विशिष्टीकरण को ही भद्रा कहते हैं. सुबह 9 बजे शुरू होगी श्रावणी उपाकर्म पूजा श्रावण पूर्णिमा के दिन विप्रजनों द्वारा शहर में दो जगह श्रावणी उपाकर्म का आयोजन किया जाएगा. ग्रीन सीटी स्थित आनंदम स्विमिंग पुल में पंडित रोहित पुजारी के सानिध्य में व मंड्रेला रोड स्थित ग्रीन हाउस में पंडित दीनदयाल शुक्ला के सानिध्य में सुबह 9 बजे श्रावणी उपाकर्म की पूजा शुरू होगी. इसके अलावा जिले के अन्य कस्बों में भी विप्रजनों द्वारा श्रावणी उपाकर्म किया जाएगा. शुभ मुहूर्त दोपहर 2:06 से रात 8:09 तक पंडितों के अनुसार बहन द्वारा भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 2:06 से रात 8:09 बजे तक सर्वश्रेष्ठ रहेगा. ज्योतिषियों के मुताबिक रक्षाबंधन के दिन श्रवण नक्षत्र, पूर्णिमा और सोमवार होने से सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. साथ ही व्रत की पूर्णिमा भी इस दिन की महत्ता और बढ़ाएंगे. ऐसे में यह दिन रक्षाबंधन के दिन भी खास रहेगा.