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मालदीव ने बांधे भारत की तारीफों के पुल, एक ही झटके में बदल गए मुइज्जू सरकार के सुर…

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भारतीय पर्यटकों से लगे करारे झटके के बाद मालदीव संभल गया है।

कुछ समय पहले तक चीन के करीब जाने वाला मालदीव अब भारत की तारीफ पर तारीफ कर रहा है। 78वें स्वतंत्रता दिवस से जुड़े एक समारोह में मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने भारत की जमकर प्रशंसा की।

उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे विविधतापूर्ण लोकतंत्र बनकर उभरा है, जो उनके देश सहित कई देशों को प्रेरित करते हुए उदाहरण पेश करता है।

मालदीव और भारत के बीच लंबे समय से चली आ रही साझेदारी पर विचार करते हुए कहा कि यह इसके लोगों में निहित है और हमारे सक्रिय द्विपक्षीय सहयोग के माध्यम से मजबूत हुई है।

जमीर ने मालदीव के राष्ट्रपति डॉ मोहम्मद मुइज्जू की सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया कि हमारे लोगों के पारस्परिक लाभ के लिए हमारे दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों को मजबूत और गहरा किया जाएगा।

पिछले साल नवंबर में चीन समर्थक मुइज्जू के शपथ लेने के बाद से कई महीनों से चली आ रही कटुता के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर की तीन दिवसीय यात्रा के बाद हाल ही में द्विपक्षीय संबंधों में सुधार हुआ है।

जयशंकर ने इस महीने की शुरुआत में द्वीपीय देशों का दौरा किया था और राष्ट्रपति मुइज्जू सहित देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की थी।

इससे पहले, मुइज्जू जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के लिए नई दिल्ली आए थे। वहीं, कुछ समय पहले ही मुइज्जू ने भारत से अपने सैन्य कर्मियों को उनके देश से वापस बुलाने की मांग की थी।

आपसी बातचीत के बाद, भारत ने 10 मई की तय समय सीमा तक अपने कर्मियों को वापस बुला लिया और उनकी जगह नागरिकों को तैनात कर दिया।

मालदीव के विदेश मंत्री जमीर भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित एक समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनने को सम्मान बताते हुए जमीर ने राष्ट्रपति मुइज्जू, सरकार और मालदीव के लोगों की ओर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री मोदी और भारत के लोगों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं।

जमीर ने कार्यक्रम के बाद ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “(मैंने) भारत को उनकी उल्लेखनीय यात्रा के लिए बधाई दी, जो अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक है।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे विविध लोकतंत्र बनकर उभरा है, जो मालदीव सहित कई देशों को प्रेरित करते हुए उदाहरण प्रस्तुत करता है।

” उन्होंने कहा, “मैंने मालदीव और भारत के बीच लंबे समय से चली आ रही साझेदारी पर विचार किया – एक साझेदारी जो इसके लोगों में निहित है और हमारे सक्रिय द्विपक्षीय सहयोग के माध्यम से मजबूत हुई है।”

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