सीमित शेयरों में निवेश करने वाले फोकस्ड म्यूचुअल फंड निवेशकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। इस श्रेणी का परिसंपत्ति आधार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 31 फीसदी बढ़कर 1.43 लाख करोड़ रुपये हो गया है। फोकस्ड म्यूचुअल फंड एक तरह का इक्विटी म्यूचुअल फंड है, जो सीमित या कम संख्या में शेयरों में निवेश करता है। सेबी की तरफ से फोकस्ड फंड को अधिकतम 30 शेयरों में निवेश करने की अनुमति देने के दिशानिर्देश हैं।
आंकड़ों से पता चलता है कि इन्वेस्को इंडिया फोकस्ड फंड, महिंद्रा मनुलाइफ फोकस्ड फंड, जेएम फोकस्ड फंड और एचडीएफसी फोकस्ड 30 फंड जैसे कुछ फोकस्ड फंड ने पिछले साल में 40-60 फीसदी तक रिटर्न दिया है।
आनंद राठी वेल्थ के उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी फिरोज अजीज ने कहा, एयूएम में यह बढ़ोतरी पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (पीएमएस) के विकल्प के रूप में फोकस्ड फंडों के आकर्षण को दर्शाती है।
आयात बढ़ने से घरेलू स्टील की कीमतें तीन साल में सबसे कम
आयात बढ़ने से घरेलू स्टील की कीमतें घटकर तीन साल के निचले स्तर पर आ गई हैं। हॉट रोल्ड कॉयल की कीमतें घटकर 51,000 रुपये टन पर पहुंच गई हैं। अप्रैल, 2022 में यह 76,000 रुपये के शीर्ष पर थी।
बिगमिंट की रिपोर्ट के अनुसार, कोल्ड रोल्ड कॉयल्स की कीमत इस समय 58,200 रुपये प्रति टन है। अप्रैल, 2022 में यह 86,300 रुपये थी। हालांकि, यह कीमतें 18 फीसदी जीएसटी के अलावा हैं।
अप्रैल-जून में स्टील का आयात 68 फीसदी बढ़कर 19.3 लाख टन पहुंच गया है। 2023-24 में आयात 38 फीसदी बढ़ा था। स्टील उद्योग का कहना है कि सरकार को चुनिंदा देशों से ही स्टील आयात करना चाहिए। साथ ही, निर्यात को बढ़ाकर उद्योग को बचाना चाहिए।
दाम घटने से सीमेंट कंपनियों की घटी आय
कीमतों में गिरावट से अप्रैल-जून तिमाही में सीमेंट कंपनियों की आय घट गई है। हालांकि, वॉल्यूम में तेजी आई है। अल्ट्राटेक, अंबुजा, एसीसी और डालमिया भारत जैसी कंपनियों का कहना है कि उनके वॉल्यूम में 3-9 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है।
देश में सीमेंट की 50 किलो बोरी की औसत कीमत सालाना आधार पर तीन फीसदी गिरकर जून में 348 रुपये रह गई है।