ढाका। बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट होने के बाद वहाँ मुस्लिम भीड़ अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बना रही है। खासतौर पर हिन्दुओं पर हमले किए जा रहे हैं। उनके घरों, दुकानों और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। इसी के चलते कई हिन्दू बांग्लादेश छोड़ कर भारत में शरण लेने की कोशिशों में बॉर्डर पर जमे हुए हैं। जिन्हें BSF ke जवानों ने रोक रखा है।
लेकिन बता दें कि, हिन्दुओं पर हो रहे इस अत्याचार के खिलाफ दुनिया भर में आवाज उठने लगी है। कनाडा में एक बड़ा जुलूस निकाला गया है जिसमें बांग्लादेश एक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की माँग उठाई गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार (10 अगस्त 2024) को कनाडा के टोरंटो शहर में हजारों लोग जमा हुए। इन लोगों में महिलाएँ, बच्चे, युवा और वृद्ध सभी लोग शामिल थे। इस प्रदर्शन का आयोजन एक बांग्लादेशी हिंदी समूह ने किया था। लोगों को जुटने के लिए टोरंटो के सिटी हॉल के पास मौजूद नाथन फिलिप्स स्क्वायर नाम की जगह बताई गई थी। इन प्रदर्शनकारियों के हाथों में बैनर दिख रहे थे। बैनरों में ‘बांग्लादेश के हिन्दुओं की रक्षा करो’ जैसे स्लोगन लिखे हुए थे।
प्रदर्शनकारियों ने एकजुटता दिखाते हुए एक जुलूस निकाला। इस जुलूस में बांग्लादेश के हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ नारेबाजी हुई। प्रदर्शनकारियों ने कनाडा सरकार से माँग की है कि वो बांग्लादेश में हिन्दुओं की रक्षा और फिर से लोकतंत्र की बहाली के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाए। प्रदर्शनकारियों में शामिल ज्योति दत्ता ने अपने सम्बोधन में बताया कि वो दुनिया को संदेश देना चाहती हैं कि बंगलदेश के हिन्दुओं को उनके हाल पर नहीं छोड़ने दिया जाएगा। प्रदर्शन को दुनिया भर के हिन्दू संगठनों ने समर्थन दिया है।
हजारों शरणार्थियों को बॉर्डर पर रोका गया
वहीं मज़हबी चरमपंथ से प्रताड़ित कई बांग्लादेशी हिन्दू भारत में शरण लेने के प्रयास में जुट गए हैं। हजारों हिन्दुओं की भीड़ इस समय भारत-बांग्लादेश के बॉर्डर पर जुटी हुई है। केंद्रीय मंत्री और शिवसेना नेता मिलिंद देवड़ा ने एक वीडियो शेयर करते हुए इस हालात को बेहद दर्दनाक बताया है। वायरल वीडियो में कई लोगों को सीमा के पास पानी में खड़े देखा जा सकता है। इसमें महिलाएँ और बच्चे भी शामिल हैं। वो भारत में घुसना चाह रहे हैं लेकिन BSF (सीमा सुरक्षा बल) ने उन्हें रोक रखा है।
शिवसेना नेता मिलिंद देवड़ा ने अफ़सोस जताते हुए अंतर्राष्ट्रीय नियमों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि अगर वो चाहें भी तो बॉर्डर पर मौजूद लोगों को भारत में प्रवेश नहीं करा सकते हैं। हालाँकि उन्होंने भरोसा दिया कि बातचीत जारी है जिसके बाद उन सभी शरणार्थियों की पूरी मदद की जाएगी।