जोधपुर । देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि देश में कुछ लोग साजिश के तहत ऐसा नैरेटिव चला रहे हैं कि पड़ोसी देश (बांग्लादेश) में हाल ही में जैसा घटनाक्रम हुआ है, भारत में भी वैसा ही घटित होगा। उपराष्ट्रपति राजस्थान हाई कोर्ट की प्लेटिनम जुबली के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसी राष्ट्र विरोधी ताकतें वैधता प्राप्त करने के लिए संवैधानिक संस्थानों को प्लेटफार्म बना रही हैं और देश तोड़ने को तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि देशहित सर्वोपरि है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता। धनखड़ ने ऐसे लोगों से सावधान रहने की अपील की है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि ये लोग अपने जीवन में उच्च पदों पर रहे हैं, देश की संसद के सदस्य रहे हैं, मंत्री रहे हैं और उनमें से एक को विदेश सेवा का लंबा अनुभव है। ऐसे जिम्मेदार पदों पर रहे लोग ऐसा मिथ्या प्रचार कैसे कर सकते हैं।
इसके साथ ही उपराष्ट्रपति ने देश में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करने में न्यायपालिका की भूमिका की सराहना की। साथ ही कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में केवल एक समय ऐसा आया जब आपातकाल के दौरान न्यायपालिका इंदिरा गांधी की तानाशाही के आगे झुक गई और आजादी एक व्यक्ति की बंधक बन कर रह गई। उन्होंने कहा कि यदि इमरजेंसी नहीं लगती तो भारत दशकों पहले ही विकास की नई ऊंचाईयों को छू लेता।
उन्होंने आगे कहा कि नई पीढ़ी को आपातकाल के काले दौर की जानकारी बहुत कम है। उन्होंने युवाओं को आपातकाल के बारे में बताने का आह्वान किया।
साथ ही 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने की घोषणा की सराहना की और कहा कि यह दिन देशवासियों को आगाह करेगा कि किस तरह 1975 में संविधान पर कुठाराघात किया गया और उसकी मूल भावना को कुचला गया। इस दौरान उन्होंने राजस्थान हाई कोर्ट में बिताए अपने दिनों को भी याद किया।