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बैंकों के घटते डिपॉजिट पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की जताई चिंता, बैंकों को दी नई सलाह

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के केंद्रीय निदेशक मंडल के सदस्यों की बैठक में भाग लिया। यह मीटिंग केंद्रीय बजट 2024-25 और वित्त विधेयक पारित किए जाने के कुछ बाद हुई।

वित्त विधेयक के जरिए सरकार ने संसद में कुछ संशोधन भी पेश किए। इस मीटिंग में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास और बैंक के अन्य निदेशक मंडल के सदस्यों ने भी हिस्सा लिया। माना जा रहा है कि इस मीटिंग बजट प्रावधान और देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति चर्चा का केंद्र रही होगी।

कम डिपॉजिट ग्रोथ पर जताई चिंता

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीटिंग के बाद बैंकों का सुस्त डिपॉजिट ग्रोथ पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, 'बैंकों को कुछ इनोवेटिव और आकर्षक पोर्टफोलियो लाने के बारे में सोचना चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग बैंकों में पैसे जमा करें। अभी लोगों के पास अधिक रिटर्न पाने के लिए बैंकों से अच्छे कई विकल्प हैं। इनमें शेयर बाजार भी एक है। यही वजह है कि शेयर मार्केट में रिटेल इन्वेस्टमेंट तेजी से बढ़ा है।'

वहीं, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास बैंकों में दावा न की गई रकम के बारे में बात की। उन्होंने कहा, 'पिछले साल हमने एक विशेष अभियान शुरू किया था। इसमें सभी बैकों को सलाह दी थी कि वे अपने पास मौजूद दावा न की गई रकम की जानकारी लें और उन्हें परिजनों को वापस करने के लिए ठोस कदम उठाएं। इस मामले में प्रगति संतोषजनक रही है।'

टैक्स सिस्टम को सरल करने पर जोर

इससे पहले 7 अगस्त को वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट पर भरोसा जताते हुए कहा था कि कि सरकार कानून और दूसरी प्रक्रियाओं को अधिक सरल करना चाहती है। इसके जरिए ग्रोथ की रफ्तार तेज की जाएगी और रोजगार के अधिक अवसर भी पैदा किए जाएंगे। सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन देश में एक सरल, कुशल और निष्पक्ष टेक्नोलॉजी-ड्रिवेन टैक्सेशन सिस्टम बनाना है।

वित्त मंत्री ने कहा, 'यही वजह है कि हम टैक्स सिस्टम को सरल करने के साथ अनुपालन की जटिलताओं को दूर करना चाहते हैं। इससे करदाताओं पर नियमों का पालन करने का बोझ कम होगा। हम इस दिशा में आगे भी काम करना जारी रखेंगे। इससे विकास में तेजी आएगी और रोजगार के मौके भी बनेंगे।'

महंगाई से चिंतित रिजर्व बैंक

निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को संसद में केंद्रीय बजट पेश किया था। यह पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का पहला पूर्ण बजट था। इस बीच, आरबीआई ने 8 अगस्त को रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने का फैसला किया। यह लगातार नौवीं बार है, जब केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों को जस का तस रखा।

दरअसल, केंद्रीय बैंक अभी महंगाई दर को लेकर चिंतित है, जो उसकी लक्ष्य सीमा से ऊपर बनी हुई है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अर्थव्यवस्था की विकास दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।