जशपुर
छत्तीसगढ़ राज्य के अंतिम गांव साईं टांगरटोली में आज सुबह 4:00 बजे पुलिस ने "ऑपरेशन शंखनाद" के तहत बड़ी कार्रवाई की जा रही है। यह गांव छत्तीसगढ़ के मवेशियों को तस्करी के जरिये झारखंड के रास्ते पश्चिम बंगाल होकर बांग्लादेश तक भेजने का एक प्रमुख निकास द्वार है। इस ऑपरेशन में पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित सोनी के नेतृत्व में 125 पुलिसकर्मियों का दल बलवा ड्रिल सामग्री और आंसू गैस के साथ गांव में पहुंचा।
एसपी शशि मोहन सिंह ने मीडिया को बताया कि इस कार्रवाई में 37 गौ वंश, 16 गाड़ियां और 10 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है और कार्रवाई अभी भी जारी है। उन्होंने यह भी बताया कि ऑपरेशन के दौरान मुस्लिम बाहुल्य बस्ती की महिलाओं ने विरोध करने की कोशिश की, जिसे महिला पुलिस बल ने नियंत्रित किया।
इस इलाके में ड्रोन से नजर रखी जा रही है, जिससे तस्करी कर लाए गए मवेशियों के बाड़े भी दिखे। कुछ मवेशियों को पिकअप में भरकर झारखंड की ओर तस्करी करने की कोशिश करते हुए तस्कर रंगे हाथ पकड़े गए हैं। एसपी शशि मोहन सिंह ने सख्त लहजे में कहा कि यह गांव मवेशी तस्करों का गांव है और पुलिस की कई बार की कार्रवाई के दौरान झड़पें भी हो चुकी हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए मवेशी तस्करों के खिलाफ "ऑपरेशन शंखनाद" चलाया जा रहा है। शंख नदी के किनारे दो राज्यों की सीमा पर बसे इस गांव में तस्करी के खिलाफ यह ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक मवेशी तस्करी पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाती। इस दौरान कुछ वारंटी भी गिरफ्तार किए गए हैं और आगे भी और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
पशुप्रेमी इस ऑपरेशन को मवेशी तस्करी की अंतर्राष्ट्रीय चैनल तोड़ने की बड़ी कार्रवाई मान रहे हैं। यह कार्रवाई जशपुर जिले में मवेशी तस्करी को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, जिससे छत्तीसगढ़ से होकर बांग्लादेश तक पहुंचने वाली तस्करी की श्रृंखला को तोड़ा जा सके।