‘आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपया’ की तुलना में छोटे दलों की खर्चे से अधिक उनकी आमदनी हो गई है। बीआएस ने सबसे अधिक चंदा हासिल किया है।
वहीं, खर्च करने वाली छोटी पार्टियों में ममता बनर्जी की टीएमसी सबसे ऊपर है। एडीआर की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि देशभर के क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के खर्च आय की तुलना में एक चौथाई से भी कम है।
इसके मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में 2022-23 में क्षेत्रीय दलों की आय में भी वृद्धि हुई है।
भारतीय राजनीति और चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखने वाली गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने यह रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के लिए आयोग में पेश 57 क्षेत्रीय राजनीतिक दलों में से 39 की ऑडिट रिपोर्ट का विश्लेषण किया गया है।
इसमें कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 39 क्षेत्रीय दलों की कुल आय 1740 करोड़ रुपये है, जो कि इसके पिछले 2021-22 की तुलना में लगभग 20 करोड़ रुपये अधिक है। एडीआर ने कहा है कि 2021-22 में आय 1721 करोड़ रुपये थी।
बीआरएस की आय सबसे अधिक
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022-23 में क्षेत्रीय दलों की आय की तुलना में खर्च एक चौथाई से भी कम है। इस वित्तीय वर्ष में इन दलों ने चुनावी, प्रशासनिक एवं अपने कर्मचारियों पर अन्य मदों में महज 481 करोड़ रुपये ही खर्च किए।
39 क्षेत्रीय दलों की कुल आय में से अकेले तेलंगाना की सत्ता पर काबिज रही बीआरएस को 737 करोड़ 67 लाख रुपये मिले हैं।
यह क्षेत्रीय दलों को मिले कुल चंदे का 42.38 फीसदी से अधिक है। पिछले साल हुई विधानसभा चुनाव में बीआरएस की सत्ता चली गई और अब वहां कांग्रेस की सरकार है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस को 333 करोड़ 45 लाख रुपये मिले। यह 19.16 फीसदी है।
वहीं, तमिलनाडु की सत्ता पर काबिज डीएमके को 214 करोड़ 35 लाख रुपये मिले। यह क्षेत्रीय दलों को मिले कुल चंदे का 12.32 फीसदी है। जबकि बीजद को 181 करोड़ रुपये यानी 10.40 फीसदी मिला।
दक्षिण की पार्टियों को अधिक चंदा
रिपोर्ट के अनुसार, सबसे अधिक बीआरएस की आय में 519.565 करोड़ रुपये की सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई। इसके बाद टीडीपी की आय में 57.966 करोड़ रुपये और सीपीआई की आय में 12.454 करोड़ रुपये की कुल बढ़ोतरी हुई।
तृणमूल कांग्रेस की आय सबसे अधिक घटी
तृणमूल कांग्रेस सहित 17 क्षेत्रीय दलों की आय में कमी भी हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, टीएमसी की आय में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में टीएमसी की आय में 212 करोड़ रुपये की कमी हुई है। 2021-22 में जहां टीएमसी की आय 545.745 करोड़ कुल थी, वहीं 2022-23 में 333.457 करोड़ रह गई।
इसके अलावा, डीएमके की आय में भी काफी कमी आई है। डीएमके की आय में 126 करोड़ की कमी आई है। वहीं, बीजद और वाईएसआर कांग्रेस की आय में भी कमी हुई है।
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