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2 दुलर्भ संयोगों से सावन की शुरुआत…पहले सोमवार को बनेंगे 3 शुभ योग, अयोध्या के ज्योतिषी से जानें सब

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अयोध्या : शिव भक्तों का इंतजार अब जल्द ही समाप्त होने वाला है. क्योंकि देवों के देव महादेव के प्रिय माह सावन की जल्द शुरुआत होने वाली है. मान्यता है कि सावन महीने में भोलेनाथ की पूजा करने से मनचाहे परिणामों की प्राप्ति होती है. वैसे तो हिन्दू धर्म में सभी महीनों का अपना अलग महत्व है, लेकिन सावन का महीना बेहद खास होता है. इस महीने का प्रत्येक दिन भगवान शिव को समर्पित है. कहते हैं कि सावन में चातुर्मास होने के कारण पूरी सृष्टि का संचालन महादेव के हाथों में होता है, ऐसे में उनकी पूजा का संपूर्ण फल जातक को प्राप्त होता है. वहीं इस बार सावन महीने में ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कई अद्भुत संयोग का निर्माण भी हो रहा है जो कई साल बाद बन रहा है तो चलिए आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि कब से शुरू हो रहा सावन? और इस बार सावन में कितने सोमवार हैं और क्या है अद्भुत संयोग.अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि पंचांग के मुताबिक सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू हो रहा है. जिसका समापन 19 अगस्त को होगा. इस दौरान सावन माह में पांच सोमवार पड़ेंगे. ऐसा शुभ मौका कई वर्षों बाद आया है कि जब सावन महीने की शुरुआत और समापन सोमवार के दिन से हो रहा है. उसके अलावा इस माह में कई अद्भुत सयोग का निर्माण भी हो रहा है जिसमें प्रीति योग ,आयुष्मान योग, सिद्धि योग जैसे अद्भुत संयोग बन रहा है.

दुलर्भ संयोगों से सावन की शुरुआत
पंडित कल्कि राम बताते हैं कि सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को है तो दूसरा सोमवार 29 जुलाई तीसरा सोमवार 5 अगस्त और चौथा सोमवार 12 अगस्त तथा पांचवा सोमवार 19 अगस्त को पड़ रहा है. इस बार के सावन माह दो दुलर्भ संयोगों से भरा हुआ है. पहला तो इस बार सावन की शुरुआत सोमवार के पवित्र दिन से शुरू हो रहा है. दूसरा इस बार पूरे सावन में कुल 5 सोमवार के दिन पड़ेंगे.

22 जुलाई को होगा अद्भुत संयोग
पंडित कल्कि राम बताते हैं कि ज्योतिष गणना के अनुसार सावन माह के पहले दिन प्रीति योग का निर्माण हो रहा है जो पूरे दिन रहेगा और इसका समापन रात्रि 8:50 पर होगा तो वहीं 22 जुलाई के दिन ही पूरे दिन सिद्धि योग बन रहा है. इसके अलावा इसी दिन आयुष्मान योग का निर्माण भी हो रहा है जो रात 8:50 से लेकर 23 जुलाई पूरे दिन तक रहेगा. इसको लेकर ऐसी मान्यता है कि जो भी इस योग में पूजा करता है उसको भगवान शिव से कई गुना फल की प्राप्ति होती है.