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सावन माह में अगर आप शिव जी को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखने वाले हैं या भोलेनाथ की आराधना करने वाले हैं, तो आपको इन नियमों का करना पड़गे पालन

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AWAN 2024 : सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है। इस महीने में भगवान शिव की आराधना करने से शुभ फलों की प्राप्ति भी होती है। हालांकि शिव जी की आराधना करते समय और व्रत के दौरान आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। माना जाता है कि, सावन में शिव पूजन के दौरान अगर आप कुछ गलतियां करते हैं तो शिव कृपा से आप वंचित रह सकते हैं। आइए जानते हैं कि किन बातों का ध्यान आपको सावन माह में शिव पूजने के दौरान रखना चाहिए। भगवान शिव की पूजा-आराधना अगर आप सावन के दौरान करने वाले हैं तो आपको गलती से भी मादक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। मांस-मदिरा से अगर आप दूरी नहीं बनाएंगे तो शिव जी की साधना के बाद भी आपको शुभ फलों की प्राप्ति नहीं होगी। सावन में भक्तों के द्वारा शिवलिंग पर जल अर्पित किया जाता है, लेकिन इस जल को शंख के जरिये शिवलिंग पर अर्पित करने की गलती आपको नहीं करनी चाहिए। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है। भक्तों को सावन माह के साथ ही कभी भी शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते अर्पित नहीं करने चाहिए। माना जाता है कि, भगवान शिव ने पूर्व जन्म में तुलसी (वृंदा) के पति जालंधर नामक राक्षस का वध किया था, इसलिए शिव पूजन में तुलसी के पत्ते को चढ़ाना उचित नहीं माना जाता। भगवान शिव को गलती से भी टूटे हुए बेलपत्र नहीं चढ़ाने चाहिए। साथ ही सावन सोमवार के दिन बेलपत्र तोड़ने से भी आपको बचना चाहिए। अगर आप सोमवार को बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित करना चाहते हैं तो, एक दिन पहले ही उन्हें तोड़कर रख दें। अगर आप सावन सोमवार के दिन व्रत रख रहे हैं, या फिर शिव लेंगे पर जल अर्पित कर रहे हैं तो उस दिन आपको दूध पीने से बचना चाहिए। ऐसा करना शुभ माना जाता है।सावन के सभी सोमवार को अगर आप व्रत रखने वाले हैं तो आपको पूरे सावन माह के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए। आप अगर ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए शिव जी के व्रत रखते हैं तो आपकी सभी मनोकामनाओं को भगवान शिव पूरी कर सकते हैं। इन सब बातों का ध्यान रखते हुए अगर आप सावन में भगवान शिव की पूजा करते हैं तो आपको शुभ फल प्राप्त होते हैं। भगवान शिव की कृपा से आपकी अध्यात्मिक उन्नति होती है और साथ ही सांसारिक सुख भी आप प्राप्त करते हैं।