Home देश – विदेश क्राइम ब्रांच अधिकारी बन 2 लोगों से ठगे 1.89 करोड़, गिरफ्तार 

क्राइम ब्रांच अधिकारी बन 2 लोगों से ठगे 1.89 करोड़, गिरफ्तार 

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सीआईडी के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने की पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट से जुड़े दो अलग-अलग मामलों में एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपित बिहार के सारण जिले के सोनपुर थाना क्षेत्र के भरपुरा टोला चौसिया पांच निवासी पंकज कुमार है।

उसके पास से कांड में संलिप्त मोबाइल व एक सिमकार्ड के अलावा कॉरपोरेट इंटरनेट बैंकिंग के क्रेडेंशियल के आदान-प्रदान व साइबर ठगी से संबंधित वाट्सएप चैट बरामद किया गया है। आरोप है कि साइबर अपराधियों ने मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर पहले दोनों ही व्यक्तियों को धमकाया।

इसके बाद राहत देने के नाम पर 1.89 करोड़ रुपये की ठगी की थी। साइबर अपराध थाने में इससे संबंधित दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज हैं। इनमें एक प्राथमिकी 29 मई 2024 को हिनू निवासी ब्रह्म शरण ने कांड संख्या 145/2024 में दर्ज कराई थी।

धमकी देकर की 11 लाख की ठगी

उन्होंने बताया था कि उन्हें धमकाकर साइबर अपराधियों ने 11 लाख रुपये की ठगी कर ली थी। वहीं, दूसरी प्राथमिकी रांची के पुरुलिया रोड स्थित एक प्रतिष्ठित कॉलेज के शिक्षक बीके सिन्हा ने 19 जून 2024 को कांड संख्या 161/2024 में दर्ज कराई थी। उन्होंने दर्ज प्राथमिकी में अपने साथ 1.78 करोड़ रुपये की ठगी का मामला दर्ज कराया था।

28 मई को ही दोनों को आया था कॉल

साइबर अपराध थाने में दोनों ही शिकायतकर्ताओं ने भले ही अलग-अलग तिथियों में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, लेकिन घटना दोनों के साथ 28 मई को ही घटी थी। उन्हें फेडेक्स कूरियर सर्विस मुंबई ब्रांच से कॉल आया था।

कॉल करने वाले ने बताया था कि उनके नाम व आधार नंबर से संबंधित एक पार्सल है, जिसमें ड्रग्स पाया गया है। इसके विरुद्ध मुंबई क्राइम ब्रांच में कांड दर्ज किया गया है। इसके बाद किसी कथित फर्जी मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी से वीडियो कॉल के माध्यम से फोन लगाया।

केस के सत्यापन व समझौता के नाम पर दोनों को भयादोहन किया। इसके बाद इनसे अलग-अलग बैंक खाता में पैसा जमा करवाया, जिसमें एक से 11 लाख व दूसरे से 1.78 करोड़ रुपये की ठगी की।

चीन के साइबर अपराधियों को बेचे थे सभी खाते

बिहार के सोनपुर से गिरफ्तार आरोपित पंकज कुमार पर आरोप है कि उसने दिकशुप इंटरप्राइजेज नामक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खोलकर एचडीएफसी, आइसीआइसीआइ, एक्सिस व इंडसइंड बैंक में इससे संबंधित कॉरपोरेट बैंक खाता खुलवाया।

पूछताछ में उसने बताया कि इन सभी बैंक खाताओं को सूरत, गुजरात व पटना के कुछ साइबर अपराधियों के माध्यम से टेलीग्राम चैनल पर उपलब्ध चीन के साइबर अपराधियों को इसका ब्यौरा साझा करता था। यह भी जानकारी मिली कि ये लोग अपने-अपने चीनी सहयोगियों से एंड्रायड पैकेज (एप) फाइल टेलीग्राम के माध्यम से प्राप्त करते थे।

इन्हें ये बैंक खाते के साथ पंजीकृत सिमकार्ड पर इंस्टाल कर देते थे। इस एप के माध्यम से बैंकिंग लेन-देन के लिए प्राप्त ओटीपी चीन सहयोगियों को आटो फारवर्ड हो जाता था।

बैंक खाते में एक दिन में जमा हुए चार करोड़ 80 लाख रुपये

साइबर अपराध थाने की जांच में यह जानकारी सामने आई है कि कांड में शामिल दिकशुप इंटरप्राइजेज के एचडीएफसी बैंक खाता 502000059075110 में सिर्फ एक दिन में चार करोड़ 80 लाख रुपये जमा हुए हैं।

भारत सरकार के गृह मंत्रालय के माध्यम से संचालित नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के माध्यम से प्राप्त विवरणी के अनुसार उपरोक्त खाता के विरुद्ध विभिन्न राज्यों में कुल 111 शिकायतें दर्ज हैं।

इसी कांड में शामिल दिकशुप इंटरप्राइजेज के एक्सिस बैंक खाता 922020026723504 के विरुद्ध विभिन्न राज्यों में कुल दो कांड दर्ज हैं। इसी फर्जी कंपनी से जुड़े आइसीआइसीआइ बैंक खाता 040405010431 के विरुद्ध विभिन्न राज्यों में कुल चार शिकायतें दर्ज हैं।