सुकमा / कानपुर
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों की बिछाई गई आइईडी के विस्फोट में सीआरपीएफ के दो जवान शहीद हो गए। इनमें कानपुर का एक जवान भी शामिल है। शैलेंद्र के शहीद के होने की खबर गांव पहुंची तो परिवार में कोहराम मच गया। शैलेंद्र की तीन महीने पहले शादी हुई थी। पत्नी और मां की हालत बिगड़ गई।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 400 किलोमीटर दूर सुकमा के सिलगेर कैंप और टेकलगुडेम के बीच आइईडी विस्फोट हुआ। इसमें राशन का ट्रक लेकर जा रहा काफिला आइईडी की चपेट में आ गया। राशन के ट्रक के पखच्चे उड़ गए। इस घटना में दो जवान शहीद हो गए। जंगल में सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इसके साथ ही शहीद जवानों के शवों को जंगल से बाहर निकाल लिया गया है।
तीन महीने पहले हुई थी शादी
महाराजपुर थाना क्षेत्र स्थित पुरवामीर के नौगवां गौतम गांव निवासी शैलेंद्र (28) का 19 जून 2017 में सीआरपीएफ में चयन हुआ था। शैलेंद्र के परिवार में मां बिजमा देवी, बड़े भाई नीरज, नीरज की पत्नी काजल, शैलेंद्र की पत्नी कोमल है। शैलेंद्र की शादी तीन महीने पहले संचेडी निवासी कोमल से हुई थी। कोमल बर्रा में किराये का कमरा लेकर शिक्षिका बनने की तैयारी कर रही थी।
मां से की थी बात
शैलेंद्र की मां बिजमा देवी का कहना है कि गुरुवार को बेटे से बात हुई थी। छुट्टी लेकर आने की बात कर रहा था। दो दिन बाद उसके शहीद होने की खबर आ गई। वहीं, कोमल का कहना है कि रविवार तीन बजे हादसा हुआ है। उससे पहले मेरी वीडियो कॉल का पर बात हुई थी। सब कुछ ठीक था, अचानक क्या ऐसा क्या हुआ। यह कहते हुए बेहोश हो गई।