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कनाडा और भारत तनाव के बीच PM ट्रूडो ने पीएम मोदी को जीत की दी बधाई

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लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ चुके हैं। 240 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। भाजपा नीत एनडीए बहुमत हासिल करने के बाद अब सरकार बनाने की प्रक्रिया में जुट चुकी है। नरेंद्र मोदी एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि आठ जून को सपथ ग्रहण समारोह हो सकता है, ऐसे में दुनियाभर के नेता मोदी को बधाई दे रहे हैं। सबसे बड़ी बात है कि भारत और कनाडा के रिश्तों में आई तल्खी के बीच प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने नरेंद्र मोदी को जीत की बधाई दी। 

कनाडा के पीएम ने लगाए थे आरोप
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पिछले साल सितंबर में कनाडा की संसद में बयान जारी कर आरोप लगाया था कि निज्जर की हत्या में भारत के एजेंट्स का हाथ है। भारत ने कनाडा के आरोपों को बेबुनियाद बताकर खारिज कर दिया था। इस घटना के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया। निज्जर हत्याकांड पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा को बताया था कि कनाडा ने अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं दिए हैं।

अब दी बधाई
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर शुभकामनाएं देते हुए कहा, 'नरेंद्र मोदी को चुनाव में जीत के लिए बधाई।' उन्होंने आगे कहा कि कनाडा मानवाधिकारों, विविधता और कानून के शासन के लिए हमारे देशों के लोगों के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए उनकी सरकार के साथ काम करने के लिए तैयार है।

21 नेताओं हस्ताक्षर करके मोदी को गठबंधन का नेता स्वीकार किया
एक दिन पहले ही एनडीए ने सर्वसम्मिति से नरेंद्र मोदी को अपना नेता मान लिया है। नई दिल्ली में बुधवार को हुई बैठक में एनडीए के 21 नेताओं ने एक पत्र पर हस्ताक्षर करके मोदी को अपना नेता स्वीकृत किया है। जिससे नरेंद्र मोदी के एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है। बैठक में सभी नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को पिछले 10 सालों में उनके कार्यकाल और देश में विकास कार्यों के लिए उन्हें बधाई भी दी है। भारत निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को लोकसभा 2024 के चुनाव परिणाम को घोषित किया। जिसमें भाजपा को सबसे ज्यादा 240 सीटें और इसके बाद दूसरे नंबर पर 99 सीटों के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही। हालांकि पिछली बार की अपेक्षा इस बार के चुनाव में भाजपा को 32 सीटों का नुकसान हुआ है। 2014 के बाद ऐसा पहली बार हुआ जब भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिली है।