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आंध्र प्रदेश में रुझानों में टीडीपी को मिला बहुमत, सीएम जगन को लगा बड़ा झटका

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लोकसभा चुनाव 2024  के नतीजे आज आने वाले हैं। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे भी आएंगे। इस राज्य में भाजपा और एनडीए के लिए अच्छी खबर आ सकती है। सभी प्रमुख एग्जिट पोल में एनडीए को बढ़त दिखाई गई है। अगर एग्जिट पोल के अनुमान नतीजों में बदल जाते हैं तो आंध्र प्रदेश में सत्ता बदलने का अनुमान है। यहां जगन मोहन रेड्डी को झटका लग सकता है। शुरुआती रुझानों में टीडीपी-भाजपा गठबंधन को बहुमत मिला है। टीडीपी के खाते में 130 सीटें गई हैं। वहीं, जेएनपी को 20 सीटें और भाजपा को सात सीटें मिलीं। वाईएसआरसीपी के खाते में 18 सीटें ही आईं। जबकि कांग्रेस और अन्य दलों का खाता नहीं खुला।

क्या आंध्र प्रदेश में सीएम जगन का जनाधार खिसका?
आंध्र प्रदेश की 175 विधानसभा सीटों पर कड़ी टक्कर का मुकाबला है। यहां बहुमत के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन को 88 सीटें जीतनी होंगी। यहां एक तरफ सीएम जगन मोहन रेड्डी हैं, जिनकी सरकार ने 30 मई को ही पांच साल पूरे किए हैं तो दूसरी तरफ टीडीपी-भाजपा गठबंधन है, जो इस चुनाव में जीत दर्ज करने के दावे कर रहा है। पीपुल्स प्लस के एग्जिट पोल के मुताबिक वाईएसआर कांग्रेस को 45-60 सीटें मिलने का अनुमान है। जबकि टीडीपी और भाजपा गठबंधन को 111-135 सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस खाता खोलने के लिए भी संघर्ष करेगी। अन्य का भी सूपड़ा साफ होगा। बता दें कि सूबे में चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी, पवन कल्याण की जनसेना पार्टी और भाजपा मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। एनडीए का सीधा मुकाबला जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी से है।

चुनाव से पहले एनडीए में दोबारा शामिल हुई थी टीडीपी
चुनाव से पहले भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के नेता चंद्रबाबू नायडू ने वापसी की थी। साल 1996 में टीडीपी पहली बार एनडीए का हिस्सा बनी थी। चंद्रबाबू नायडू ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काम किया था। इतना ही नहीं, आंध्र प्रदेश में 2014 का लोकसभा और विधानसभा चुनाव भी टीडीपी ने भाजपा के साथ लड़ा था, लेकिन 2019 में टीडीपी, एनडीए से अलग हो गई थी।

2019 में था यह आंकड़ा
साल 2019 में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने 175 सीटों में से 151 सीटें जीतकर भारी बहुमत से चुनाव जीता था, जबकि मौजूदा तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने 23 सीटें जीती थीं। जन सेना पार्टी (जेएसपी) ने एक सीट के साथ विधानसभा में प्रवेश किया था, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कोई भी सीट जीतने में असफल रही थी।

तब जगन मोहन रेड्डी को आंध्र प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था। इस बार चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई में तेलुगू देशम, भाजपा और पवन कल्याण की जन सेना पार्टी का गठबंधन हुआ है। वाईएस शर्मिला के नेतृत्व में फिर से उभरती कांग्रेस का इस बार लेफ्ट पार्टियों के साथ ने चुनाव को त्रिशंकु बना दिया है।