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छग के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर ईओडब्ल्यू में एफआईआर भाजपा की ओछी राजनीति का परिचायक-जावेद खान

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जगदलपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के बस्तर संभागीय प्रभारी प्रवक्ता जावेद खान ने ईओडब्ल्यू में भूपेश बघेल जी के नाम की कार्यवाही को लोकसभा चुनाव में राजनांदगांव लोकसभा सहित प्रदेश के पूरे 11 सीटों में भाजपा की असंतोष हताशा और सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग को प्रमाणित करता करार दिया है ।

प्रभारी प्रवक्ता जावेद ने बताया कि पूरे देश सहित प्रदेश में भाजपा किस प्रकार संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है यह जग जाहिर है,जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण इलेक्टोरल बान्ड की सूची सार्वजनिक होने के बाद और पुख्ता हो गया है,किस तरह से संवैधानिक संस्थाओं के द्वारा दबाव बनाकर वसूली को अंजाम दिया गया,अब संवैधानिक संस्थाओं का दबाव लोकसभा चुनाव में विपक्ष के सबसे मजबूत उम्मीदवारों को दबाने, बदनाम करने और चुनाव में व्यवधान उत्पन्न करने किया जा रहा है,आज यह साबित हो गया है कि विपक्षी नेताओं पर आरोप व दबाव डालकर उनके विरुद्ध कार्यवाही करने या भाजपा प्रवेश करा कर उन्हें उपकृत कर उनके विरुद्ध जांच की कार्यवाही को समाप्त करने का प्रमाणित खेल लगातार भाजपा खेल रही है।

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजनांदगांव लोकसभा संसदीय क्षेत्र के प्रत्याशी भूपेश बघेल जी जिस प्रकार से राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र के सभी ब्लॉकों में ग्रामों में पहुंच रहे है जगह-जगह उनका स्वागत सत्कार और उनकी लोकप्रियता से व्यापक जन समर्थन की जो हवा बनी है जिसके चलते भाजपा की हवा गोल हो गई और वह हताशा में दबाव की कार्यवाही पर उतारू हो गई है,सर्वप्रथम आर्थिक अपराध शाखा में 4 मार्च को विभिन्न लोगों के नाम के साथ एफ आर आई दर्ज की गई है तो उसे आचार संहिता लगने के बाद सार्वजनिक किया जाना ही अपने आप में भाजपा की सोची समझी पूर्वाग्रही मानसिकता की राजनीति का परिचायक है और इससे यह भी प्रमाणित हो गया कि भाजपा सत्ता प्राप्त करने के लिए किस प्रकार से सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग करती है।

ई डी के द्वारा पूर्व में सरगुजा से भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी चिंतामणि महाराज का भी नाम शिकायत पत्र में उल्लेख कर प्रस्तुत किया गया था किंतु उनके कांग्रेस छोड़ने व भाजपा प्रवेश के बाद उनका नाम हटाया जाना सत्ता के दुरुपयोग को साफ प्रदर्शित करता है।भूपेश बघेल जी के लोकसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित है इसी हताशा से सरकारी संस्था के दुरुपयोग से ओतप्रोत यह कार्यवाही है लेकिन राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र की जनता भूपेश बघेल जी को भारी मतों से जीताकर लोकसभा में जनता की मजबूत आवाज बुलंद करने वाले प्रतिनिधि के रूप में देश के सबसे बड़े पंचायत में भेजने का मन बना लिए हैं और छत्तीसगढ़ में केवल भुपेश बघेल ही नहीं 11 सीटों में भाजपा खुद को पिछड़ता हुआ देख रही है, भाजपा यह जान चुकी है इस बार छत्तीसगढ़ में सरकार होने के बावजूद ज्यादातर लोकसभा सीटें कांग्रेस जीत रही है इसलिए छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेताओं को बदनाम कर चुनाव को अपने पाले में लेने भरसक प्रयास में लग गयी है और जिसके लिए भाजपा संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग से भी बाज नहीं आ रही।
भाजपा चुनाव से पहले ही हार मान चुकी है।

भाजपा को डर है कि जिस तरह से राजनांदगांव में भुपेश बघेल के जीत की हवा चल चुकी है वह पूरे प्रदेश के अन्य लोकसभा सीटों तक पहुंचेगी और इस लोकसभा चुनाव में भाजपा से ज्यादा कांग्रेस की सीटें आऐंगी इसलिए द्वेषपूर्ण और राजनीतिक प्रतिशोध के चलते भुपेश बघेल पर एफआईआर की कार्रवाई की गई है,परंतु प्रदेश की जनता इस बार पूरी भाजपा को सबक सिखाएगी,एक तरफ महादेव सट्टा एप पर भाजपा द्वेषपूर्ण कार्यवाही कर रही है वहीं दूसरी ओर मोदी राज और साय सरकार में महादेव सट्टा एप भी सांय-सांय चल रहा है आज दिनांक तक भी इस पर बैन लगाने में नाकाम रही है यह सरकार।