Home छत्तीसगढ़ कोरोना संकट में भी छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था ने पकड़ी रफ्तार, जीएसटी संग्रहण...

कोरोना संकट में भी छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था ने पकड़ी रफ्तार, जीएसटी संग्रहण बढ़ोतरी में आंध्रप्रदेश के साथ पहले स्थान पर

167
0

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में अक्टूबर-2019 की तुलना में अक्टूबर-2020 में जीएसटी संग्रहण में 26 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। देश के बड़े राज्यों में जीएसटी संग्रहण में वृद्धि के मामले में छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश संयुक्त रूप से पहले स्थान पर है। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा जारी सूची के अनुसार प्रदेश में पिछले वर्ष अक्टूबर में 1570 करोड़ रूपए का जीएसटी संग्रहण हुआ था। पिछले वर्ष की तुलना में इस साल अक्टूबर में 404 करोड़ रूपए ज्यादा जीएसटी प्राप्त हुआ है। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के अक्टूबर महीने में राज्य में 1974 करोड़ रूपए की जीएसटी संग्रहित हुई है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कोरोना संकट काल में भी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाए रखने लिए गए दूरदर्शितापूर्ण निर्णय के सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं। प्रदेश में पूरे लॉक-डाउन के दौरान ग्रामीण और वन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां लगातार चलती रहीं। किसान न्याय योजना के माध्यम से प्रदेश के 19 लाख किसानों को नियमित अंतराल में धान बिक्री की राशि मिलती रही है। राज्योत्सव के मौके पर इसकी तीसरी किस्त के रूप में 1500 करोड़ रूपए किसानों के खाते में डाले गए हैं। पूर्व में भी 1500-1500 करोड़ रूपए की दो किस्तें किसानों के खातों में अंतरित की गई हैं। गोधन न्याय योजना के जरिए भी किसानों और पशुपालकों से गौठानों में गोबर की खरीदी कर करीब 40 करोड़ रूपए दिए गए हैं।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा जी.एस.टी. मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव की पहल पर कोरोना काल में गांवों में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने मनरेगा का क्रियान्वयन प्रभावी तरीके से किया गया। इसके फलस्वरूप गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रही। लोगों की जेब में पैसा आने से इसका लाभ उद्योग और व्यापार जगत को भी मिला। संकट-काल में ग्रामीण क्षेत्रों में जो आर्थिक तरलता बनी रही, उसका लाभ उद्योगों को भी मिला। वनांचलों में भी इस दौरान स्वसहायता समूहों के द्वारा वनोपज की खरीदी जारी रही। कोरोना संकट के दौरान रियल इस्टेट सेक्टर को सक्रिय बनाए रखने के लिए जमीनों की खरीदी-बिक्री की शासकीय गाइडलाइन दरों में 30 प्रतिशत की छूट दी गई। आटोमोबाइल सेक्टर में भी बेहतर कारोबार हुआ। लॉक-डाउन के दौरान भी प्रदेश की कोयला खदानों और इस्पात उद्योगों में उत्पादन जारी रहा।