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पांच वर्ष में प्रदेश के एक तिहाई असाक्षरों को साक्षर किए जाने का लक्ष्य

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रायपुर। पढ़ना-लिखना अभियान यह अभियान बुनियादी साक्षरता पर केंद्रित होगा। प्रत्येक जिले में राज्य साक्षरता मिशन की तर्ज पर जिला साक्षरता मिशन का गठन किया जाएगा। इस अभियान के अंतर्गत पांच वर्ष में प्रदेश के एक तिहाई असाक्षरों को साक्षर किए जाने का लक्ष्य है। इस अभियान में आकांक्षी जिलों तथा राष्ट्रीय व राज्य की साक्षरता दर से कम औसत वाले जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी। पढ़ना-लिखना अभियान की वार्षिक कार्य योजना के निर्माण हेतु आज नया रायपुर स्थित मंत्रालय से राज्य स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। एससीईआरटी और राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक डी. राहुल वेंकट द्वारा प्रदेश के सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों, डाइट के प्राचार्य तथा जिला परियोजना अधिकारी साक्षरता मिशन की बैठक में इस वर्ष ढाई लाख लोगों को साक्षर बनाए जाने के लक्ष्य पर चर्चा हुई।

राज्य साक्षरता मिशन के सहायक संचालक प्रशांत कुमार पाण्डेय ने पॉवर पॉइंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से बताया कि जिले के प्रभारी मंत्री अथवा जिला पंचायत के अध्यक्ष की अध्यक्षता में सामान्य सभा और कलेक्टर की अध्यक्षता में कार्यकारिणी समिति गठित की जाएगी। सदस्य सचिव की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी की होगी। इस अभियान की विशेषता यह है कि यह पूर्ण रूप से स्वयंसेवी आधारित होगा अर्थात पढ़ाने वाले स्वयं सभी शिक्षकों को किसी भी प्रकार का पारिश्रमिक प्रदान नहीं किया जाएगा। इस अभियान में जिलों को स्वायत्तता प्रदान की गई है। इसमें नवाचारी गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रत्येक जिले के डाइट में अकादमी और तकनीकी संसाधन समर्थन हेतु एक अलग प्रकोष्ठ डीसीएल गठित किया जाएगा, जिसे जिला साक्षरता केंद्र कहा जाएगा।

पढ़ना-लिखना अभियान स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों, एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र और स्वयंसेवी संस्थाओं की सहभागिता से संचालित किया जाएगा। जिले अपनी कार्ययोजना राज्य को और राज्य अपनी कार्ययोजना केंद्रीय प्रोजेक्ट को स्वीकृति के लिए बोर्ड को प्रस्तुत की जाएगी। एनआईसी द्वारा पोर्टल का निर्माण किया गया है, जिसमें आनलाइन कार्य योजना अपलोड की जाएगी। भारत सरकार द्वारा आज इस विषय का प्रशिक्षण भी आयोजित किया गया। असाअक्षरों का अनुदेशकों का चिन्हांकन करने के पश्चात विधिवत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसका वर्ष में चार बार मूल्यांकन एनआईओएस द्वारा किया जाएगा। पढ़ना-लिखना अभियान शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्र में संचालित किया जाएगा। महिलाओं अनुसूचित जाति, जनजाति और अल्पसंख्यक वर्ग को इसमें प्राथमिकता प्रदान की जाएगी। साथ ही सामग्री- ई-बुक्स, वीडियो व्याख्यान, मोबाइल एप जैसे आईटी टूल का भी उपयोग किया जाएगा।

राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक डी. राहुल वेंकट द्वारा छत्तीसगढ़ के सभी जिला अधिकारियों से जिलावारे तैयारी की समीक्षा की और उन्हें निर्देश दिए कि दो दिनों के भीतर जिला साक्षरता मिशन और डाइट में जिला साक्षरता केंद्र की स्थापना कर ली जाए। कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए इस वर्ष लक्ष्य संख्या निर्धारित की जाए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक दिनेश कुमार टाक, जिला शिक्षा अधिकारी, डाइट के प्राचार्य तथा जिला परियोजना अधिकारी सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए।