नई दिल्ली। प्रियंका गांधी पिछले तीन सालों से महीने में एक बार झुग्गी में रहने वाले आशीष से मिलती हैं.दरअसल, आशीष एक विकलांग बच्चा है. जब वो 22 दिन का था, तभी उसको लकवा मार गया. पिता सुभाष यादव पत्तों का छोटा मोटा काम करते हैं, जिससे किसी तरह गुजर बसर होती है. आशीष के इलाज ने सुभाष यादव की कमर तोड़ दी है.
ऐसे में जब से प्रियंका को आशीष के बारे में पता चला तो महीने में एक बार आशीष से मिलने आने लगीं. जब राहुल के यहां आतीं तो पहले जाकर आशीष से मिलतीं. यहां तक कि आज एक अहम बैठक से पहले भी वो आशीष के घर गईं. आशीष ठीक से बोल भी नहीं पाते, लेकिन खुश होकर जैसे-तैसे बताया कि प्रियंका आईं थीं, वो मुझे दोस्त कहकर पुकारती हैं.
आशीष के पिता ने बताया कि प्रियंका ने आशीष को एक एनजीओ से जोड़ा है, जहां उसकी पढ़ाई-लिखाई और समझ बेहतर करने का काम होता है. इसके अलावा प्रियंका आशीष के लिए स्लेट, कपड़े जैसे गिफ्ट लाती रहती हैं. आशीष की बहन ने बताया कि प्रियंका ने आशीष को कई डॉक्टरों को भी दिखवाया और जरूरत पड़ने पर झुग्गियों में डॉक्टरों को भेजा. प्रियंका ने आशीष से पूछा कि जन्मदिन पर मेरे घर इस बार क्यों नहीं आये, इस पर आशीष के पिता ने बताया कि आप उस समय थीं नहीं, इसलिए, अगली बार आएंगे. प्रियंका ने त्योहारों में भी आशीष को आने का न्योता दिया.अब प्रियंका ने आशीष को विकलांगों वाली गाड़ी दिलाने का वादा किया है.